जुकाम वाला वायरस म्यूटेशन के बाद बना ओमिक्रॉन
कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को काफी संक्रामक माना जा रहा है। लेकिन इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हैं।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि ऐसा इसलिए क्योंकि ओमिक्रॉन ने जिस अन्य वायरस के जेनेटिक मेटेरियल से मिलकर म्यूटेशन किया होगा, वह सामान्य जुकाम वाला वायरस हो सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह जेनेटिक सीक्वेंस कई अन्य वायरस में आराम से मिलता है, जिनमें सामान्य सर्दी-जुकाम भी आता है।
यह ह्यूमन जीनोम में भी पाया जाता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि वायरस अधिक आसानी से फैल सकता है। जबकि केवल हल्के या बिना लक्षण वाले रोग का कारण ही बन सकता है। मैसाचुसेट्स-बेस्ड डाटा एनालिटिक्स फर्म नेफरेंस के वेंकी सुंदरराजन ने कहा कि इस म्यूटेशन के साथ ही ओमीक्रोन खुद को अधिक मानवीय बना सकता है। जो इसे मानव प्रतिरक्षा प्रणाली के हमले से बचने में मदद करेगा। वेंकी सुंदरराजन ने ही इस अध्ययन का नेतृत्व किया है।
बेहद हल्के लक्षण
दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन से संक्रमित ज्यादातर मरीजों ने केवल गंभीर सिरदर्द, चक्कर आना और हाई पल्स रेट का ही अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के जितने भी मरीजों को देखा गया है उनमें लक्षण बेहद हल्के हैं। जिन भी मरीजों में लक्षण दिखाई दिए हैं वो ज्यादातार युवा हैं।
ऐसे हुआ नया म्यूटेशन
सुंदरराजन और उनके साथियों ने अपने अध्ययन में बताया कि यह नया म्यूटेशन पहली बार दोनों रोगजनकों से संक्रमित व्यक्ति में हुआ होगा। जो सार्स-कोव-2 और अन्य वायरस से संक्रमित रहा हो। ऐसा ही जेनेटिक सीक्वेंस कई बार लोगों में सर्दी का कारण बनने वाले एक कोरोना वायरस में दिखाई देता है, जिसे एचसीओवी- 229ई के रूप में जाना जाता है। यही जेनेटिक सीक्वेंस कई बार एक ऐसे वायरस में बार-बार नजर आता है जो आम सर्दी देता है।