ऐसे चुना जाता है चीफ आफ डिफेंस स्टाफ, जानें कौन हो सकते हैं देश के अगले सीडीएस

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जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे। हेलीकाप्टर हादसे में उनकी मृत्यु के बाद सीडीएस का पद खाली हो गया है। अब इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि अगला सीडीएस कौन होगा।

वैसे तो पद के लिए कई नामों को लेकर विचार किया जा रहा है, लेकिन थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे का नाम इसमें सबसे आगे चल रहा है। अप्रैल में वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस बीच सबके मन में सवाल उठ रहा है कि सीडीएस की नियुक्ति के लिए क्या प्रक्रिया है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है….

सीडीएस एक चार स्टार सैन्य अधिकारी होता है, जो भारतीय सेनाओं के अधिकारयों में से चुना जाता है। अगले सीडीएस की नियुक्ति को लेकर जानकारी मिली है कि सरकार थलसेना, वायुसेना और नौसेना के वरिष्ठ कमांडरों के नामों का एक पैनल बनाएगी। तीनों सेनाओं की सिफारिशों के अधार पर इस पैनल को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसमें दो से तीन दिन का समय लगेगा। इसके बाद इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। उनकी स्वीकृति के बाद ये नाम विचार के लिए नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति के पास भेजे जाएंगे जो देश के अगले सीडीएस पर अंतिम निर्णय लेगी।

जानकारों के मुताबिक, सीडीएस की नियुक्ति के लिए भी उसी प्रोटोकोल का पालन किया जाएगा, जो तीनों सेनाओं के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए निर्धारित है। लद्दाख में गतिरोध से निपटने समेत समग्र प्रदर्शन के आधार पर सीडीएस के रूप में जनरल नरवणे की नियुक्ति की संभावना अधिक है। इसके अलावा वह तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं।

जनरल नरवणे की सीडीएस बनने की पूरी संभावना

सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने 31 दिसंबर, 2019 को थलसेना प्रमुख का पद संभाला था और अगले साल अप्रैल में वे सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वहीं, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने इसी साल सितंबर जबकि नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने नवंबर में पदभार संभाला है। साथ ही सैन्य योजनाकारों के एक प्रभावशाली वर्ग का मानना रहा है कि सीडीएस थलसेना से ही होना चाहिए, कम से कम जब तक महत्वाकांक्षी रक्षा सुधारों के तहत थिएटर कमानों की निर्माण प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।

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