CM गहलोत का फरमान, सरकारी अफसर मुस्लिम नेताओं के घर देकर आएं इफ्तार पार्टी का न्योता
राजस्थान सरकार का एक ताजा फरमान खासी सुर्खियां बटोर रहा है। यह फरमान मुख्यंमत्री गहलोत की रोजा इफ्तार दावत से जुड़ा है। इस अनूठे फरमान में मुख्यमंत्री की रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए न्योता देने का काम जिले के सरकारी मुलाजिमों को दिया गया है।
मंत्रिमंडल सचिवालय से जिला कलेक्टरों के नाम जारी फरमान में कहा गया है कि जिलों में बैठे अफसर मुख्यमंत्री की रोजा इफ्तार दावत का निमंत्रण गांव-ढाणी में बैठे मुस्लिम नेताओं को उनके घर जाकर दें। मुख्यमंत्री की यह रोजा इफ्तार पार्टी 23 अप्रैल को प्रस्तावित है। जानकार बताते है कि यह सभंवत पहला मौका है जब सरकारी मुलाजिमों को इस तरह का काम सौंपा गया है। अब तक मुस्लिम नेताओं को फोन के जरिए ही सूचित करने की परम्परा रही है।
जिला कलेक्टरों को भेजा फरमान
मंत्रीमंडल सचिवालय से 19 अप्रैल को जिला कलेक्टरों के नाम एक फरमान जारी किया गया। इस फरमान में कहा गया कि मुख्यमंत्री 23 अप्रैल को सिविल लांइस में रोजा इफ्तार की दावत का आयोजन कर रहे हैं। पत्र में कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिले के मुस्लिम नेताओं की एक सूची सहित संदेश वाहक को जयपुर भिजवाएं, जो सचिवालय से मुख्यमंत्री की इफ्तार दावत के निमंत्रण प्राप्त करे।
अब जिला कलेक्टर ने तहसीलदारों को दी जिम्मेदारी
सचिवालय से मुस्लिम नेताओं के नाम मुख्यमंत्री की इफ्तार दावत के निमंत्रण पत्र मिलने के बाद जिले के जिला कलेक्टर ने अपने इलाके के यह निमंत्रण पत्र संबधित नेताओं तक पहुंचाने का जिम्मा तहसीलदारों को सौंपा है। इसके लिए बाकायदा लिखित आदेश जारी किए गए हैं। तहसीलदारों को कहा गया है कि निमंत्रण पत्र प्राप्त करने के बाद वह विशेष संदेश वाहक के जरिए इन्हें संबधित मुस्लिम नेताओं तक पहुंचाएं।
बाड़मेर में 39 लोगों को न्योता
मुख्यमंत्री की रोजा इफ्तार दावत में शामिल होने के लिए करीब 39 लोगों को न्योता दिया जा रहा है। इनमें शिव से कांग्रेस विधायक अमीन खान के साथ पूर्व विधायक अब्दुल हादी के पुत्र और पुत्रवधु समेत अन्य लोग शामिल हैं। हालांकि इस सूची में सिर्फ वही लोग शामिल है, जो कांग्रेस से जुड़े हुए है। भाजपा से जुड़े मुस्लिम नेताओं को इस दावत से दूर रखा गया है।