गुलाम नबी के समर्थन में कांग्रेस से ‘आजाद’ हुए कई और नेता, जम्मू-कश्मीर में बड़ा झटका

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गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से 51 साल के रिश्ते खत्म हो गए हैं। उन्होंने आज सोनिया गांधी को लिखे 5 पन्नों के लंबे पत्र में कांग्रेस के सभी पदों को छोड़ने और प्राथमिक सदस्यता तक से इस्तीफा दे दिया।

उनके इस फैसले का असर जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में भी दिखा है। उनके समर्थन में राज्य के 5 पूर्व विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। इन नेताओं में जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीर भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद इकराम शामिल हैं। जीएम सरूरी ने कहा कि अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ही अकेले रहे गए हैं। इन नेताओं के अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री आरएस छिब ने भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

आरएस छिब ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कहा कि गुलाम नबी आजाद से हमारी बात दो महीने से चल रही थी। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि वह जल्दी ही इस्तीफा देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद को अपनी इच्छा के विपरीत पर काम करना पड़ रहा था। उनके पास पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प ही नहीं बचा था। इस बीच कुछ महीने पहले ही कांग्रेस छोड़ने वाले सीनियर नेता सुनील जाखड़ का भी रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस चल रही है, उस हालात में अस्तित्व बचना भी मुश्किल है।

बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद नई पार्टी बनाने का ऐलान भी किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मेरे बहुत से सारे मित्र हैं। दरअसल गुलाम नबी आजाद भले ही लंबे समय तक कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में रहे हैं, लेकिन वह जम्मू-कश्मीर में भी अच्छी पकड़ रखते हैं। वह उन नेताओं में से एक हैं, जिनकी पकड़ घाटी के साथ ही जम्मू तक में है। यही वजह है कि उनके इस्तीफे का असर दिख रहा है और कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है।

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