बिहार: एग्जाम में हिजाब उतारने को कहा तो भड़क उठीं छात्राएं, जमकर काटा बवाल
कर्नाटक से उठा हिजाब विवाद बिहार पहुंच चुका है। मुजफ्फरपुर जिले के एमडीडीएम कॉलेज में रविवार को 12वीं की सेंटअप परीक्षा में करीब आधा दर्जन छात्राएं और उनके परिजनों ने हिजाब को लेकर जमकर बवाल किया।
छात्राएं परीक्षा हॉल से गेट पर निकल आयीं और हंगामा करने लगीं। छात्राओं के कॉल करने पर कई परिजन भी पहुंच गये और बवाल बढ़ गया। सूचना मिलने के बाद मिठनपुरा थानेदार श्रीकांत सिन्हा महिला सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस के साथ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. कनु प्रिया ने छात्राओं को समझाकर शांत कराया। इसके बाद छात्राएं परीक्षा हॉल में गईं।
चंदवारा की एक छात्रा ने बताया कि परीक्षा हॉल में हिजाब देखकर वीक्षक उनके पास आ गये और हिजाब उतारने के लिए दबाव देने लगे। वह बार-बार ब्लू टूथ डिवाइस लगाने का बहाना बनाकर हिजाब उतारने के लिए कहने लगे। उन्हें हिजाब हटाकर दिखा दिया कि कान में ब्लू टूथ नहीं लगा है। इसके बाद भी वह हिजाब उतारकर फेंकने के लिए दबाव बनाने लगे। इंकार करने पर कई अनर्गल बात बोलने लगे। करीब आधा दर्जन छात्राएं वीक्षक पर उक्त आरोप लगाईं। उनके परिजन भी कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ आक्रोशित हो गये।
मोबाइल जांच होने पर बनाया हिजाब का मुद्दा : प्राचार्य
एमडीडीएम की प्राचार्य डॉ. कनु प्रिया ने बताया कि कॉलेज में हिजाब का कोई मुद्दा नहीं रहा है। परीक्षा में मोबाइल जांच हो रही थी। परीक्षा हॉल में वीक्षक के कहने पर 20 से अधिक छात्राओं ने अपना मोबाइल निकलकर अलग रख दिया था। एक छात्रा ने मोबाइल नहीं रखा तो उसे वीक्षक ने मोबाइल निकालकर रख देने के लिए कहा। इसी बात पर वह छात्रा परीक्षा हॉल से निकलकर हंगामा करने लगी। उसने कॉल कर कुछ असामाजिक तत्वों को भी बुला लिया, जिसने हिजाब का मुद्दा बनाकर कॉलेज का माहौल खराब करने की कोशिश की। हालांकि बाद में सबकुछ शांत हो गया।
पहले भी कॉलेज में हिजाब को लेकर हो चुका है हंगामा
एमडीडीएम कॉलेज में पहले भी हिजाब पहनने को लेकर हंगामा हो चुका है। कॉलेज में ड्रेस कोड लागू किया गया था। इसमें हिजाब पर रोक के कारण बवाल हुआ था। पूर्व में हुए हंगामे पर कॉलेज प्रबंधन ने किसी तरह काबू पा लिया था। अब एक बार फिर से हिजाब का मुद्दा गरम हो गया है।
हिजाब को लेकर हंगामे की सूचना पर पुलिस कॉलेज में गई थी। मामला शांत हो गया, इसके बाद परीक्षा हुई। कॉलेज प्रबंधन या छात्रा की ओर से थाने की पुलिस से कोई लिखित शिकायत नहीं की गई है।