आसाराम को शिष्या से रेप के जुर्म में उम्र कैद की सजा, कोर्ट ने पीड़िता को दिया 50 हजार मुआवजा

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गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित एक सत्र अदालत ने मंगलवार को स्वयंभू बाबा आसाराम को एक शिष्या के साथ बलात्कार के जुर्म में मंगलवार को उम्र कैद की सज़ा सुनाई.

सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस रेप केस में आसाराम पर 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया तथा पीड़िता को 50 हजार रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है.

इस मामले में विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने बताया, ‘नामदार कोर्ट ने सबूतों को देखते हुए आसाराम को उम्रक़ैद की सजा सुनायी है. इसके साथ ही पीड़िता को 50000 रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है.

इस स्वयंभू संत के खिलाफ वर्ष 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, सूरत की रहने वाली यह महिला वर्ष 2001 से 2006 के बीच अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके मोटेरा में स्थित आसाराम के आश्रम में रहती थी, तभी आसाराम ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया.

अदालत ने अभियोजन के मामले को स्वीकार करते हुए आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (सी), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और अवैध रूप से बंधक बनाने से जुड़ी धाराओं के अलावा कई अन्य सुसंगत धाराओं के तहत दोषी ठहराया था. वहीं कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था.

81 वर्षीय स्वयंभू संत आसाराम अभी जोधपुर की एक जेल में बंद है. यहां वह वर्ष 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है.

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