’18 फोन और 4 नंबर, एक दिन में बदले 3 मोबाइल…11 तोड़े’, फिर ऐसे CBI के चंगुल में फंस गए मनीष सिसोदिया!

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केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नाम का उल्लेख किया है, हालांकि आरोपी के रूप में नहीं.

दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने News18 को यह जानकारी दी. सीबीआई ने आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर किसी और के नाम पर 11 सेल फोन खरीदे और उन्हें इस्तेमाल करने के बाद नष्ट कर दिया. सूत्र के अनुसार, एजेंसी ने ‘पर्याप्त सबूत होने के बाद’, सिसोदिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 477-ए (खातों में हेरफेर) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत गिरफ्तार करने का फैसला किया.

सीबीआई के सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि दिल्ली के एक नौकरशाह ने कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की संलिप्तता की पुष्टि की है. सीबीआई ने मामले में गवाह के रूप में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उस नौकरशाह का बयान दर्ज किया है, और यह केस के लिए काफी महत्वपूर्ण है. सीबीआई सूत्रों की मानें तो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री 18 मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया और उन्होंने एक ही दिन में 3 फोन बदले. उन्होंने इन फोंस में कम से कम 4 नंबरों का यूज किया. सीबीआई जांच से जुड़े सूत्र ने कहा कि वह एक जैसे नंबरों का इस्तेमाल कर रहे​ थे.

सीबीआई के पास नौकरशाह का बयान, सबूत के तौर पर व्हाट्सएप चैट

सीबीआई के एक सूत्र ने दावा किया है कि जांच एजेंसी ने कुछ व्हाट्सएप चैट्स रिट्रीव किए हैं, जिन्हें डिलीट कर दिया गया था. ये चैट्स इंगित करते हैं कि दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित विवरण कुछ व्यवसायियों के साथ ‘अग्रिम रूप से’ साझा किया गया था, जो कि नियमों के खिलाफ था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा रविवार को एक दिन की पूछताछ के बाद आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किए जाने के घंटों बाद ताजा विवरण सामने आया है. सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया ने सबूत नष्ट कर दिए हैं.

सीबीआई ने 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी, 9 गिरफ्तायां हो चुकीं

सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को दिल्ली की नई आबकारी नीति (2021-22) में कथित धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर मामला दर्ज किया था. सीबीआई की एफआईआर में सिसोदिया के अलावा अरवा गोपी कृष्णा (तत्कालीन आयुक्त (आबकारी), आनंद तिवारी (तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी), पंकज भटनागर (सहायक आयुक्त (आबकारी), विजय नायर (पूर्व सीईओ, ओनली मच लाउडर), एक मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमनदीप ढल, इंडोस्पिरिट ग्रुप के निदेशक समीर महेंद्रू, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा, महादेव शराब, सनी मारवाह, अरुण रामचंद्र पिला और अर्जुन पांडे के नाम शामिल थे. इस केस में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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