प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी आज दिल्ली में अपने आवास पर दीप जलाकर मनाएंगे दिवाली
अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आज दिवाली मनाएंगे. दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग पर स्थित अपने आवास पर पीएम आज दीप जलाकर दिवाली मनाएंगे.
पीएम अपने घर पर दीपोत्सव मनाएंगे. पीएम पहले ही जनसभा के दौरान देश में लोगों से अपने घर पर 22 जनवरी को दिए जलाने के लिए आह्वान कह चुके हैं. इससे पहले आज पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए. उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ राम मंदिर का उद्घाटन किया.
इस समारोह के दौरान सात हजार से ज्यादा विशेष मेहमान मौजूद रहे. पीएम ने इस शुभ अवसर के लिए कठोर उपवास किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया और लोगों से अगले 1,000 वर्षों के मजबूत, भव्य और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर केवल जीत का नहीं बल्कि विनम्रता का है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर समृद्ध और विकसित भारत के उदय का गवाह बनेगा.
पीएम ने प्रभु श्रीराम से क्षमा क्यों मांगी?
पीएम मोदी ने ने इस क्षण को आलौकिक और पवित्रतम बताते हुए कहा, ‘‘आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं, हमारे पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी, हमारी तपस्या में कुछ कमी रही होगी कि हम इतने सदियों तक मंदिर निर्माण नहीं कर पाए… आज वह कमी पूरी हुई.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था और निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है. आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. पूरा देश आज दीवाली मना रहा है. आज शाम घर-घर रामज्योति प्रज्ज्वलित करने की तैयारी है.’’
‘सदियों के बलिदान के बाद हमारे राम आज आए’
मोदी ने कहा, ‘‘यह राम का परम आशीर्वाद है कि हम इसके साक्षी बन रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि लंबी प्रतीक्षा, धैर्य और सदियों के बलिदान के बाद हमारे राम आज आए हैं. मोदी ने कहा कि भगवान राम देश के संविधान की पहली प्रति में निवास करते थे. उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली. मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का जिसने न्याय की लाज रख ली. न्याय के पर्याय प्रभु श्रीराम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से बना.’’ उन्होंने कहा कि ये मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है बल्कि राममंदिर भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है.