Rising Bharat Summit में हुआ खुलासा, काले पत्‍थर से ही क्‍यों बनाई गई रामलला की मूर्ति

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भाजपा के चुनावी वादों में से एक और लंबे समय से चली आ रही मांग अयोध्या का राम मंदिर आखिरकार जनवरी 2024 में राष्‍ट्र को समर्पित कर दिया गया.

जनवरी में भव्‍य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की. उनके अलावा देश-विदेश कई हस्तियां कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्‍तर प्रदेश के अयोध्‍या पहुंची थीं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि रामलला की मूर्ति का रंग काला ही क्यों है?

CNN-News18 के राइजिंग भारत समिट के दौरान मंगलवार को बातचीत में राम मंदिर के वास्तुकार आशीष सोमपुरा और इतिहासकार व रामलला की मूर्ति के आभूषण डिजाइनर यतींद्र मिश्रा ने अयोध्या मंदिर पर चर्चा की. जब उनसे पूछा गया कि रामलला की मूर्ति के लिए काले पत्थर का इस्‍तेमाल क्यों किया गया तो मिश्रा ने कहा, ‘तीन मूर्तियां बनाई गई थीं, जिनमें से एक सफेद और एक काले पत्थर की थी. आखिर में काली मूर्ति का चयन किया गया था. ये फैसला ट्रस्ट पर निर्भर था. हालांकि, मेरा मानना ​​है कि मंदिर के लिए मूर्ति का चयन खुद भगवान राम ने किया था. मुझे नहीं लगता कि कोई राजनीतिक मजबूरी थी.

अब तक 75 लाख भक्‍त कर चुके हैं दर्शन

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर परिसर का निर्माण कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद से करीब 75 लाख भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आ चुके हैं. मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में करीब 1,500 श्रमिक काम कर रहे हैं. इसके अलावा तीन मंजिला मंदिर भवन की बची हुई दो मंजिलों के निर्माण में तेजी लाने के लिए 3,500 से ज्‍यादा अतिरिक्त श्रमिक जल्द ही लगाए जाएंगे.

पहली मंजिल पर बनाया जाएगा राम दरबार

मंदिर का भूतल दिसंबर 2023 में बनाया गया था. मिश्रा ने बताया कि हाल में मंदिर निर्माण समिति की एक बैठक हुई और इस साल के अंत तक राम जन्मभूमि परिसर में सभी निर्माण पूरा करने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि गर्भगृह मंदिर के भूतल पर है और भगवान राम का दरबार पहली मंजिल पर बनाया जाएगा. रामलला के दर्शन के बाद भक्त भगवान राम के दरबार के दर्शन कर सकेंगे.

शिखर 300 दिन में बन हो जाएंगे तैयार

मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि भव्य मंदिर के मुख्य शिखर और दूसरे शिखर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. शिखर 300 दिनों में बनकर तैयार हो जाएंगे. मंदिर में कुल पांच शिखर होंगे, जिनमें से तीन शिखर अभिषेक समारोह से पहले तैयार किए गए थे. मिश्रा ने बताया कि मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है, जिस पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी.

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