कश्मीरी पंडित पाकिस्तान से आए शरणार्थी हैं… जम्मू की रैली में ये क्या बोल गए राहुल गांधी?

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कश्मीरी पंडितों को पाकिस्तान से आया शरणार्थी बता दिया. हालांकि, उन्होंने तुरंत ही अपनी गलती सुधारी और कहा कि वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से देश में आने वाले शरणार्थियों की बात कर रहे थे.

जम्मू में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, पीओके से रिफ्यूजी आए, उनसे मनमोहन सिंह ने वादा किया. वो वादा पूरा किया जाएगा. सॉरी कश्मीरी पंडितों से मनमोहन सिंह ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा.

कश्मीरी पंडितों की ‘घर वापसी’ हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर के चुनावों में एक अहम मुद्दा रही है. बता दें कि साल 1990 में आतंकी घटनाओं के बाद बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित अपना घर छोड़कर घाटी से पलायन कर गए थे. तब से कई चुनाव हुए, जिनमें कश्मीरी पंडितों की वापसी का भरोसा दिलाया गया, लेकिन अब तक यह मुमकिन नहीं हो सका है.

रैली में राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए काम करने का संकल्प दोहराते हुए कहा, “भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि हमने किसी राज्य का दर्जा छीन लिया हो और उस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया हो.”

उन्होंने रैली में कहा, “ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था और मैं आपको गारंटी देता हूं कि अगर भाजपा (चुनाव के बाद) राज्य का दर्जा बहाल नहीं करती है, तो हम – ‘इंडिया’ गठबंधन, जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लोकसभा, राज्यसभा में अपनी पूरी ताकत लगाएंगे और यहां तक ​​कि सड़कों पर भी उतरेंगे.”

उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के माध्यम से ‘बाहरी लोगों’ को फायदा पहुंचाने के लिए जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया. राहुल ने कहा, “जब तक उपराज्यपाल हैं, बाहरी लोगों को फायदा मिलेगा और स्थानीय लोगों को नजरअंदाज किया जाता रहेगा. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया. वे चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर को बाहरी लोग चलाए न कि स्थानीय लोग.”

उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होना “आपका अधिकार और आपका भविष्य” है तथा जम्मू कश्मीर इसके बगैर आगे नहीं बढ़ सकता. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों में भी लघु और मध्यम उद्योगों पर व्यवस्थागत हमला किया गया. उन्होंने सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भी आलोचना करते हुए इसे ‘मेक इन अडाणी’ कार्यक्रम बताया और दावा किया कि इस नीति के तहत सभी ठेके कारोबारी समूह अडाणी को दिए जा रहे हैं.

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