जयशंकर की हां से पाक‍िस्‍तान खुश, मगर क्या रिश्तों पर जमीन बर्फ निकलेगी?

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विदेश मंत्री एस जयशंकर इस महीने के आख‍िर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) श‍िखर सम्‍मेलन में ह‍िस्‍सा लेने के ल‍िए पाक‍िस्‍तान का दौरा करेंगे.

लगभग 10 साल में पहली बार वे पाक‍िसतान जा रहे हैं. उनके हां करते ही पाक‍िस्‍तान के हुक्‍मरान खुश हो गए. क्‍योंक‍ि उन्‍हें लग रहा था क‍ि अगर भारत इस सम्‍मेलन में शामिल होने के ल‍िए नहीं आएगा तो उसकी बड़ी बदनाम होगी. लेकिन क्‍या इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलेगी? कूटनीत‍िक मामलों के जानकार इस पर क्‍या कहते हैं?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, जयशंकर 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एससीओ लीडर्स के साथ बैठक करेंगे. इससे कई लोगों को भारत और पाक‍िस्‍तान के बीच रिश्तों में सुधार की उम्‍मीद बढ़ी है. लेकिन कूटनीत‍िक मामलों के जानकार इसे सिर्फ एक नियमित मुलाकात भर मानते हैं. उनका मानना है क‍ि इससे दोनों देशों के मौजूदा रिश्तों पर कोई असर नहीं होने वाला. जयशंकर ने भी पिछले हफ्ते साफ कर‍ दिया था क‍ि वह एक मल्‍टीलेवल कार्यक्रम के ल‍िए जा रहे हैं. वहां भारत-पाक‍िस्‍तान संबंधों पर कोई चर्चा नहीं होगी.

पाक‍ से दोस्‍ती के ल‍िए नहीं जा रहे…

विल्सन सेंटर के दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने दिस वीक इन एशिया को बताया कि जयशंकर की पाक‍िस्‍तान यात्रा को सिर्फ एससीओ के नजर‍िये देखना चाह‍िए. इसको भारत-पाक‍िस्‍तान रिश्तों के नजर‍िये से नहीं देखना चाह‍िए. वह पाक‍िस्‍तान से रिश्ता ठीक करने के ल‍िए नहीं जा रहे हैं. बल्‍क‍ि भारत का मानना है क‍ि एससीओ काफ महत्‍वपूर्ण है, इसल‍िए वहां जाना जरूरी है. उनकी यात्रा के दौरान पाक‍िस्‍तान के नेताओं से कोई द्व‍िपक्षीय बातचीत नहीं होगी.

2020 का माहौल होता तो कतई नहीं जाते

साउथ चाइना मार्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कुगेलमैन ने कहा, जयशंकर इसल‍िए भी जा रहे हैं क्‍योंक‍ि दोनों देशों के बीच माहौल बीते कुछ महीनों से काफी हद तक स्‍थ‍िर है. सीमा पर गोलीबारी रुकी हुई हुई. आतंक की घटनाएं भी काफी कम हुई हैं. हां, अगर यही सम्‍मेलन 2020 में होता, तो निश्च‍ित रूप से जयशंकर इसमें शामिल नहीं होते. जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार ने कहा, सिक्‍योरिटी दोनों देशों के बीच रिश्ते में एक बड़ी बाधा है. भारत आतंक का खात्‍मा होने तक बात करने को तैयार नहीं है.

पाकिस्‍तान के राजदूत ने क्‍या कहा

भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी न तो कोई यू-टर्न है और न ही कोई बड़ी सफलता है. भारत सिर्फ इसल‍िए आ रहा है, क्‍योंक‍ि इस समिट में चीन और रूस मौजूद रहेंगे. इसल‍िए भारत के ल‍िए यह महत्‍वपूर्ण है. बता दें क‍ि इससे पहले अगस्‍त 2016 में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह दक्ष‍िण एश‍ियाई सहयोग संगठन (सार्क) की बैठक में ह‍िस्‍सा लेने गए थे. भारत के क‍िसी बड़े नेता की वो आख‍िरी पाक‍िस्‍तान यात्रा थी.

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