Baba Siddique Murder Case: 50000 की सुपारी, कुरियर से मिले हथियार… बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की पूरी कहानी

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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के मर्डर केस में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. बाबा सिद्दीकी को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी.

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शूटर्स ने इस हत्याकांड को कैसे अंजाम दिया? आखिर उन्हें इन मर्डर के लिए किसने और कितने रुपये की सुपारी दी थी और बाबा सिद्दीकी पर हमले का प्लान आखिर कहां बना?

66 साल के बाबा सिद्दीकी की शनिवार तीन शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह बांद्रा ईस्ट के खेर नगर में अपने विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर निकले ही थे कि तभी वहां घात लगाए बैठे इन तीनों हमलावरों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी. सिद्दीकी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

गणेशोत्सव पर ही मारने का था प्लान

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शूटरों ने 9.9 एमएम की पिस्तौल से छह राउंड फायर किए, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया. वहीं पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस शूटआउट में इस्तेमाल की गई पिस्तौल को प्रीपेड कूरियर सर्विस के जरिये आरोपियों तक भेजा गया था. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि इन शूटर्स ने पहले गणेशोत्सव के मौके पर ही बाबा सिद्दीकी की हत्या का प्लान बनाया था, लेकिन इसे टाल दिया गया था.

मुंबई पुलिस से के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले 2 शूटर धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा यूपी के बहराइच से हैं. वहीं तीसरा शूटर गुरमेल सिंह हरियाणा के करनाल का रहना वाला है. पुलिस ने धर्मराज और गुरमेल को पकड़ लिया है, जबकि शिवा फरार है.

कैसे मिला हथियार, कितनी थी सुपारी?

पुलिस के मुताबिक, धर्मराज और शिवा एक ही गांव गंडारा के रहने वाले हैं और दोनों का घर भी पास-पास ही है. उनकी उम्र करीब 18-19 साल बताई जा रही है. दोनों पुणे में कबाड़ कारोबारी के यहां करते थे.

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी पर करीब दो महीने से नजर रखे हुए थे. वे 2 सितंबर से कुर्ला में किराए के कमरे में रह रहे थे और हर महीने 14,000 रुपये का किराया दे रहे थे. उनमें से हर एक को इस कत्ल के लिए 50,000 रुपये की सुपारी मिली थी. सूत्रों ने यह भी बताया कि तीनों आरोपियों की मुलाकात पंजाब के जेल में हुई थे, जहां ये तीनों एकसाथ बंद थे. वहीं जुर्म की दुनिया मे नाम और अपनी दहशत फैलाने के लिए वे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर बन गए.

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