दिल्ली-NCR के लिए तेज हवा बनी वरदान, सुप्रीम कोर्ट ने दिया अभयदान, GRAP-4 खत्म, जानें कौन-कौन सी रोक हटाई गई
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में लागू ग्रैप-4 को हटा दिया है. दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर गुरुवार को चल रही सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने दिल्ली-एनसीआर से ग्रैप-4 को हटाने का आदेश दिया.
रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के सवाल पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने ब्रीफ नोट दिया, जिसमें एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का ब्यौरा था. इसके मुताबिक एयर क्वॉलिटी लेवल में सुधार है और यह कम हो रहा है.
इसके बाद कोर्ट ने कहा, ग्रैप-4 को हटाने का आदेश देते हैं और आगे ग्रैप तय करने का जिम्मा कमीशन फोर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) पर छोड़ते हैं. हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि सही यही होगा कि ग्रैप-2 के स्तर से नीचे आयोग नहीं जाए.
ग्रैप-4 हटने के बाद अब दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल से चलने वाली मीडियम और भारी वाहनों (बीएस-IV या उससे नीचे) के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा. इसके साथ ही सड़कों, नेशनल हाइवे और फ्लाईओवरों सहित कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन जैसे काम भी शुरू हो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट के सामने दिल्ली वायु प्रदूषण का जो प्रमुख डाटा दिया गया, वो इस प्रकार से है…
तारीख | एक्यूआई | हवा का असर |
तीन दिसंबर | 268 | खराब |
चार दिसंबर | 211 | खराब |
पांच दिसंबर | 161 | मीडियम |
क्या होता ग्रैप
दीपावली पर्व के बाद जिस स्तर पर दिल्ली के वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ था, वो मामला बेहद चिंताजनक बन गया था क्योंकि वायु प्रदूषण का स्तर करीब 500 से भी ज्यादा बढ़ गया था. दिल्ली में वायु प्रदूषण को मापने वाले 39 निगरानी प्वॉइंट में से 33 निगरानी प्वॉइंट का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला आया था. उसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी, जिसके बाद कोर्ट के द्वारा काफी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए थे.
दिल्ली और उसके आसपास की हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ग्रैप के चार चरण बनाए गए हैं. इसमें ग्रैप-1 उस वक्त लगाया जाता है, जब हवा की गुणवत्ता 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है. ग्रैप-2 को तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता 301 से 400 तक पहुंच जाती है. कोर्ट की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप-4 से जुड़ी पाबंदियों को पांच दिसंबर तक लगाने का निर्देश दिया था.
ग्रैप-4 के अंतर्गत क्या-क्या थे प्रतिबंधित और क्या था नियम?
* दिल्ली में डीजल से चलने वाले ट्रकों की एंट्री बंद कर दी गई थी, जिससे आम लोगों को एक तरफ आने-जाने में दिक्कतें हो रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण को रोकने के लिए इसके लिए कई कड़े नियमों को पालन करने का निर्देश दिया गया था.
* दिल्ली के बाहर के कमर्शियल वाहनों पर रोक लगाने का दिया गया था निर्देश. इसके चलते दिल्ली -एनसीआर में सैकड़ों चेकिंग प्वॉइंट बनाए गए थे. उन वाहनों को चेक करने के लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष तौर पर निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद उसका असर दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था पर भी पड़ रहा था.
* दिल्ली के सारे स्कूलों में कक्षा 12 तक की पढ़ाई को ऑनलाइन मोड में करने का निर्देश जारी हुआ था.
* निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर कड़े प्रतिबंध लगाने का निर्देश हुआ था. इसके साथ ही सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में वर्क फ्रॉर्म होम मोड में चलाने का निर्देश दिया गया था. उस निर्देश के मुताबिक जिन कर्मचारियों और अधिकारियों से वर्क फ्रॉर्म होम मोड में काम लिया जा सकता है, उसे उसी मोड में काम करवाने का भी निर्देश जारी किया गया था. जिसे औपचारिक तौर पर अमल करने में काफी लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था.
पिछले एक महीने से शहर में लगातार वायु प्रदूषण का सामना करने के बाद दिल्ली की एयर क्वॉलिटी में अब सुधार हुआ और यह एक्यूआई 161 पर ‘मीडियम’ कैटेगरी में पहुंच गया. इससे पहले, शहर का 24 घंटे का एवरेट एक्यूआई बुधवार शाम 4 बजे 178 दर्ज किया गया था, जो मंगलवार को 268 था. इससे पहले 15 अक्टूबर को एक्यूआई 198 के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया था.