रूस बॉर्डर पर ‘पाकिस्तान’ जैसा देश बनाना चाह रहा अमेरिका, समझें क्या है रणनीति

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यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच मामला बिगड़ता जा रहा है। व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहांस्क को आजाद देश की मान्यता दिए जाने के बाद विवाद और भड़क गया है।

यूक्रेन मामले को लेकर दुनियावी मामलों के एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि रूस बॉर्डर पर अमेरिका ‘पाकिस्तान’ जैसा देश बनाकर मॉस्को को परेशान करना चाह रहा है।

चेलानी ने कहा है कि अमेरिका 198 साल पुराने मोनरो सिद्धांत को फिर से लागू करना चाहता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई अमित्र शक्ति नहीं है। लेकिन फिर भी अमेरिका ने रूस के बॉर्डर तक नाटो का विस्तार कर दिया है। वाशिंगटन ने बाल्टिक क्षेत्र में नाटो सेना को तैनात किया हुआ है। यूक्रेन में हथियारों और अन्य सहायता में करीब 18,750 करोड़ का निवेश किया है।

नाटो की विस्तारवादी नीति यूक्रेन संकट का कारण?

उन्होंने बताया है कि यूक्रेन संकट नाटो की विस्तारवादी नीति को लेकर है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने इसे लेकर 1994 में चेतावनी दी थी कि ऐसे में यूरोप फिर से विभाजित हो जाएगा। यूक्रेन में रूस1950 के दशक से भारत के बॉर्डर पर अमेरिका द्वारा बनाई गई चीजों को टालने की कोशिश कर रहे हैं – एक शत्रुतापूर्ण, सैन्यीकृत पाकिस्तान, SEATO और CENTO का सदस्य।

रूस अपने पड़ोस में पाकिस्तान नहीं चाहता!

चेलानी ने कहा है कि पुतिन कह रहे हैं कि रूस अपनी दक्षिण-पश्चिमी सीमाओं पर ‘पाकिस्तान’ के निर्माण को बर्दाश्त नहीं करेगा। एक ओर चीन विश्व स्तर पर अमेरिका को प्रमुख शक्ति के रूप में बदलने के लिए काम कर रहा है वहीं रूस का ध्यान अपनी सुरक्षा चिंताओं को लेकर है। अमेरिका को इन बातों को समझने की जरूरत है।

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