अमृतपाल सिंह का राइट हैंड पपलप्रीत गिरफ्तार, हर वक्त साये की तरह दिखता था साथ, पुलिस ने होशियारपुर से पकड़ा
वारिस पंजाब दे के मुखिया एवं खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी साथी पपलप्रीत सिंह को काउंटर इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार कर लिया है.
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि पपलप्रीत दिल्ली भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने उसे होशियारपुर से धर दबोचा. पपलप्रीत ही अमृतपाल की फरारी के बाद से उसके छिपने की सारी रणनीति तैयार कर रहा था. ऐसे में उसकी गिरफ्तारी के बाद अब जल्द ही अमृतपाल के भी पकड़े जाने की उम्मीद है.
अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद पप्पलप्रीत सिंह कई जगहों पर उसके साथ ही दिखा था. सोशल मीडिया पर हाल ही में अमृतपाल और पापलप्रीत की ताज़ा तस्वीरें वायरल हुई थीं. इसमें अमृतपाल सिंह जैकेट, मैरून पगड़ी और धूप का चश्मा पहने और हाथ में एक पेय कैन पकड़े हुए दिख रहा था. वहीं पप्पलप्रीत उसके साथ ही बैठा था.
पपलप्रीत के कहने पर ही अमृतपाल हुआ है फरार
कहा जाता है कि अमृतपाल फरार होने का सारा प्लान पपलप्रीत ने ही तैयार किया था. अमृतपाल के चाचा चाहते थे कि वो सरेंडर कर दे, लेकिन पपलप्रीत ने उसे फरार होने की सलाह दी थी. सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल के लिए नए-नए ठिकानों की तलाश भी पपलप्रीत ने ही की थी. पटियाला में जिस बलबीर कौर के पास अमृतपाल ठहरा था, वो भी पपलप्रीत को जानती थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में कुलविंदर कौर ने भी अमृतपाल को शरण दी थी और वह भी पपलप्रीत की ही परिचित थी, यानी अमृतपाल को शरण देने वाली ज्यादातर महिलाएं पपलप्रीत की जानकार थीं. पपलप्रीत संगरूर के सांसद सिमरनजीत सिंह मान का भी समर्थक रह चुका है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि पपलप्रीत पर देश के खिलाफ राजद्रोह, दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और, साइबर आतंकवाद के अलावा साजिश रचने के मामले दर्ज किए गए हैं.
कौन है पपलप्रीत?
पपलप्रीत सिंह एक कृषि परिवार से आता है. उसने कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की है और फिर पीजी डिप्लोमा पूरा किया. पपलप्रीत ने एक वीडियो-पत्रकार और एक कार्यकर्ता होने का दावा किया था. वह 2017 में सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) में शामिल हुआ था, लेकिन 9 महीने के भीतर ही पार्टी को छोड़ दिया था. वह एक वेबसाइट भी चलाता था जिसके बारे में जांच एजेंसियों का कहना है कि उसकी पहचान “खालिस्तान प्रोपेगैंडा साइट” के रूप में की गई थी.
जांच एजेंसियों को यह भी पता चला कि पपलप्रीत ने वर्ष 2018-19 के लिए अपने आयकर रिटर्न में जो बैंक खाते की जानकारी दी थी, जब उसका सत्यापन किया गया, तो वह ‘अस्तित्वहीन’ पाया गया था. दिसंबर 2022 में, उसे आयकर विभाग द्वारा एक नोटिस भी जारी किया गया था, जिसमें उसे अपनी आय के स्रोत, चल और अचल संपत्तियों और बैंक खातों के विवरण की घोषणा करने के लिए कहा गया था.
इस नोटिस के जवाब में पपलप्रीत ने घोषणा की थी कि वह YouTube से प्रति माह लगभग 8,000-20,000 रुपये और अपने डेयरी व्यवसाय से 15,000 रुपये कमाता है. हालांकि, आयकर विभाग उसके जवाब से असंतुष्ट था और उससे अपने बैंक खाते में कुछ लाख रुपये के क्रेडिट के बारे में बताने के लिए कहा, जो उसकी आय के ज्ञात स्रोतों से मेल नहीं खाता था.