जिस गांव के लोगों ने बचाई ग्रुप कैप्टन की जान, सेना ने उसे लिया गोद

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दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहे भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने और 14 में से 13 यात्रियों के निधन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए भारतीय सेना ने स्थानीय लोगों को धन्यवाद दिया है। सेना ने कहा कि पीड़ितों के लिए ग्रामीण ‘भगवान’ की तरह हैं।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने कहा, “आप में से कई लोगों ने मदद की। ग्रामीणों की मदद के बिना 14 लोगों को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता था। वायु सेना के एक अधिकारी जीवित हैं और बेंगलुरू के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।अगर वह जीवित हैं तो आप इसकी वजह हैं।”

सेना ने कहा, “आप उन 14 लोगों के लिए भगवान की तरह थे। बहुत-बहुत धन्यवाद आपका।”

जनरल ऑफिसर कमांडिंग हेडक्वार्टर दक्षिण भारत, लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण ने कहा कि जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अपने जीवन के लिए ‘लड़ाई’ कर रहे थे। उनके प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने उसे जीवित पाए जाने में मदद की। उन्होंने कहा कि सभा और समारोह के लिए गांव में एक शेड बनाया जाएगा।

उन्होंने मुख्यालय दक्षिण भारत द्वारा गांव को गोद लेने की भी घोषणा की और कंबल, राशन सामग्री और सौर आपातकालीन लैंप वितरित किए।

लेफ्टिनेंट-जनरल ने बचाव में उनकी भूमिका के लिए तमिलनाडु सरकार, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और विभिन्न विभागों के सचिवों को धन्यवाद दिया।

बचाव दल के एक सदस्य ने दावा किया है कि तमिलनाडु में ऊटी के पास कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बचाव दल ने जनरल बिपिन रावत और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सहित दो लोगों को जीवित पाया।

एक वरिष्ठ फायरमैन एनसी मुरली ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा, “हमने दो लोगों को जिंदा बचाया। एक थे सीडीएस रावत। जैसे ही हमने उसे बाहर निकाला, उसने हिंदी में रक्षा कर्मियों से कम स्वर में बात की और अपना नाम बोला।” उनके मुताबिक, जनरल रावत के शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोटें आई थीं। मुरली ने कहा, “उन्हें बेडशीट में लिपटे एम्बुलेंस में ले जाया गया।” उन्होंने कहा कि अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।

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