‘अंतरराष्ट्रीय, सीमा पार आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा’- Asean में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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भारत-आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कंबोडिया के सिएम रीप में हैं. इस दौरान बुधवार को उन्होंने अपना संबोधन दिया.

संबोधन में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और सीमा पार आतंकवाद को दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इस पर तत्काल और दृढ़ हस्तक्षेप का आह्वान किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तत्काल और दृढ़ हस्तक्षेप की आवश्यकता वाला सबसे बड़ा खतरा अंतरराष्ट्रीय और सीमा पार आतंकवाद है. उदासीनता अब प्रतिक्रिया नहीं हो सकती है, क्योंकि आतंकवाद ने विश्व स्तर पर लोगों को पीड़ित किया है.

ANI के अनुसार राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी जोर डाला कि कैसे आतंकवादी समूहों द्वारा धन हस्तांतरण और समर्थकों की भर्ती के लिए नए जमाने की तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि साइबर अपराधों का संगठित साइबर हमलों में परिवर्तन, राज्य और गैर-राज्यों द्वारा नई तकनीकों के बढ़ते उपयोग की ओर इशारा करता है.

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान इस बात का भी जिक्र किया कि पिछले महीने नई दिल्ली में आतंकवाद विरोधी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति की बैठक कैसे हुई थी, जिसने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने के लिए दिल्ली घोषणापत्र को अपनाया था.

समुद्री मुद्दों पर चीन के बढ़ते हौसले के बीच रक्षा मंत्री ने भारत के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र, खुली और समावेशी व्यवस्था का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत सभी राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, बातचीत के माध्यम से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के पालन के आधार पर भारत-प्रशांत में एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी माहौल का आह्वान करता है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता पर चल रही बातचीत पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से यूएनसीएलओएस के अनुरूप होगी, और वैध अधिकारों और हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगी.

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