कर लें तैयारी, भाद्रपद अमावस्या पर बन रहा शुभ संयोग, इन उपायों से मिलेगी कालसर्प दोष से राहत!

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सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना जाता है. साल के प्रत्येक महीने में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पड़ती है.

लेकिन, भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है. इस बार भाद्रपद माह की अमावस्या की तिथि की शुरुआत 14 सितंबर की सुबह से हो रही है, जो 15 सितंबर की सुबह तक रहेगी.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि के दिन कई शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है. यह दिन कालसर्प दोष से परेशान व्यक्तियों के लिए खास है. अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो फिर आप भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि के दिन जरूर उपाय करें. इससे आपको राहत मिलेगा. साथ ही इस दिन स्नान दान और पितरों को प्रसन्न करने का विधान भी है.

जानिए किस देवता की करें पूजा?

अयोध्या के ज्योतिष नीरज भारद्वाज बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसके जीवन में कई तरह की समस्याएं खड़ी रहती हैं. जब कुंडली में राहु और केतु के मध्य सभी ग्रह आ जाते हैं तब कालसर्प दोष लगता है. कालसर्प दोष से निजात पाने के लिए भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि के दिन भगवान विष्णु, भगवान शंकर और नाग देवता की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए.

भाद्रपद अमावस्या बेहद खास

आगे बताया कि भाद्रपद अमावस्या तिथि के दिन शिव जी की विधिवत पूजा आराधना करनी चाहिए. शिवलिंग पर जल या गंगाजल चढ़ाने के साथ महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए. भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि के दिन शिवलिंग पर गाय के दूध और गंगाजल मिलाकर अर्पित करना चाहिए. भोलेनाथ से कालसर्प दोष से निजात पाने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

ऐसे मिलेगी काल सर्प दोष से मुक्ति

काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भाद्रपद अमावस्या तिथि के दिन व्रत रखने का भी विधान है. इस दिन व्रत रखने से विशेष लाभ मिलेगा. साथ ही नाग देवता की विधिवत पूजा करनी चाहिए. भाद्रपद अमावस्या तिथि के दिन भगवान शंकर को खीर, मिठाई अथवा फल का भोग लगाना चाहिए. बाद में इसे प्रसाद के रूप में बांटना चाहिए. ऐसा करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.

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