BBC डॉक्यूमेंट्री पर हंगामा, दिल्ली यूनिवर्सिटी के 24 छात्र हिरासत में, Arts Faculty के बाहर धारा 144

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जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बीबीसी के 2002 के गोधरा दंगों पर आधारित वृतचित्र को प्रदर्शित किए जाने को लेकर हुए बवाल के बाद छात्र संगठनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में भी इसे दिखाने की घोषणा की है.

हालांकि, दिल्ली पुलिस के मुताबिक डीयू में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है, इसलिए यहां किसी भी तरह से भीड़भाड़ या जमावड़ा गैर-कानूनी है. पुलिस ने बताया कि उत्तरी दिल्ली के इस इलाके में 30 दिसंबर 2022 से धारा-144 लगी हुई है क्योंकि यहां पर धरना-प्रदर्शन होते रहते हैं.

इस बीच, डीयू की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा कि प्रदर्शन कर रहे छात्र एनएसयूआई दिल्ली के नहीं, बल्कि एनएसयूआई केरल के हैं. उन्होंने कहा कि वे (वृत्तचित्र के) प्रदर्शन की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि छात्र संगठनों ने प्रशासन से इसकी अनुमति नहीं ली है.

डीयू की प्रॉक्टर ने आगे कहा, ‘हम से भविष्य में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए परमिशन मांगी जाएगी, तो हम इस बारे में विचार करेंगे.’ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को लेकर अब्बी ने कहा, ‘जिन छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, उनपर वीडियोग्राफ़ी और फ़ोटोग्राफ़ी के आधार पर विश्वविद्यालय की तरफ से कार्रवाई की जा सकती है.’

BBC Documentry से जुड़ी खबरों के अब तक के अपडेट्स:

–दिल्ली पुलिस ने 2002 के गुजरात दंगों पर बने बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के प्रदर्शन की योजना बनाने को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय से 24 छात्रों को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया. पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने कहा, ‘शाम करीब चार बजे लगभग 20 लोग प्रतिबंधित बीबीसी वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग के लिए कला संकाय के बाहर पहुंचे. इससे इलाके में शांति भंग हो सकती थी, इसलिए उनसे वहां से जाने को कहा गया.’ अधिकारी ने कहा, ‘जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें हिरासत में ले लिया गया. कुल 24 लोगों को हिरासत में लिया गया.’

–छात्र संगठनों के वृत्तचित्र के प्रदर्शन के आह्वान के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. पुलिस ने नॉर्थ कैंपस में बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर भी रोक लगा दी है.

–डीयू की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने कहा था, ‘हमें सूचना मिली है कि नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) कला संकाय में वृत्तचित्र दिखाने की योजना बना रहा है… इसके लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई है. हम इस तरह के व्यवहार की अनुमति नहीं देंगे.’ अब्बी ने कहा कि इस फिल्म को सरकार ने प्रतिबंधित किया है.

–कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई ने घोषणा की थी कि वह शाम चार बजे नॉर्थ कैम्पस में वृत्तचित्र का प्रदर्शन करेगा. वहीं, ‘भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन’ ने कहा है कि वह डीयू में कला संकाय के बाहर शाम पांच बजे वृत्तचित्र का प्रदर्शन करेगा.

–यादवपुर विश्वविद्यालय के 100 से अधिक विद्यार्थियों के 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के वृतचित्र को देखने की खबर है. बताया जाता है कि एक वाम छात्र निकाय ने इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन की व्यवस्था की. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की छात्र शाखा ‘स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) ने बताया कि बृहस्पतिवार को यादवपुर विश्वविद्यालय में वृत्तचित्र के प्रदर्शन को लेकर पुलिस या संस्थान के प्राधिकारियों की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया.

–कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में भी शुक्रवार को बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी दिखाए जाने का कार्यक्रम है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. फिर भी छात्र डॉक्यूमेंटरी की स्क्रीनिंग की तैयारी कर रहे हैं.

–जामिया मिल्लिया इस्लामिया बीते 25 जनवरी को हंगामे का केंद्र बन गया क्योंकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने विश्वविद्यालय में वृत्तचित्र दिखाने की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंच उसकी योजना विफल कर दी. जेएनयू में 24 जनवरी को वृत्तचित्र को प्रदर्शित किए जाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया था.

विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को ‘दुष्प्रचार का हिस्सा’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है.

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