आखिरी सफर पर निकला सीडीएस जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर, बरसाए जा रहे फूल

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सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्‍नी मधुलिका रावत समेत सभी जवानों का अंतिम संस्‍कार आज पूरे सैन्‍य सम्‍मान के साथ किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।

उन्‍हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगातार बढ़ता ही जा रहा है। उनके आधिकारिक निवास कामराज मार्ग पर लगातार गणमान्‍य लोग आ रहे हैं। उन्‍हें तीनों सेना प्रमुखों ने उन्‍हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं। उनके पार्थिव शरीर को गन कैरिएज पर रखा जा चुका है और अंतिम यात्रा शुरू हो चुकी है। उनकी पार्थिक देह के आगे और पीछे तीनों सेना के करीब 200 जवान साथ चल रहे हैं। उनकी अंतिम यात्रा को एक नजर देखने के लिए लोगों का हुजूम साथ चल रहा है।

– सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्‍नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को बेस अस्‍पताल से उनके आधि‍कारिक निवास कामराज मार्ग पर ले जाया गया। यहां पर गणमान्‍य लोगों के साथ आम आदमी भी उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे। यहां पर गृहमंत्री अमित शाह, एनएसए अजीत डोभाल, जम्‍मू कश्‍मीर और दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल, उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर धामी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी, हरीष रावत समेत कई सांसदों ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी।

उन्‍हें श्रद्धांजलि देने वालों में विदेशी राजनयिक भी शामिल हैं। यहां पर दोपहर डेढ़ बजे तक उनके अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा के लिए निकाला जाएगा और दो बजे अंतिम यात्रा बरार स्‍क्‍वायर पर पहुंचेगी।

बता दें कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के दादा वायसराय के साथ में थे। उनके पिता सेना के डिप्‍टी चीफ थे जनरल रावत ने भी अपने पिता की गोरखा रेजीमेंट से ही शुरुआत की थी। उनके एक भाई भी कर्नल के पद से रिटायर हैं और उनके एक भतीजे सेना में कैप्‍टन हैं।

– इस हादसे में जान गंवाने वाले जनरल बिपिन रावत के सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर का अंतिम संस्‍कार सुबह करीब 10:40 बजे दिल्‍ली कैंट के बरार स्‍क्‍वायर में कर दिया गया। इस मौके पर उनकी बेटी आशिना ने उन्‍हें अपना हीरो बताया। इस हेलीकाप्‍टर हादसे में जान गंवाने वाले कुछ जवानों के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों के आग्रह पर उनके पैतिृक स्‍थानों पर भेजा जा गया है।

– ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा तीनों सेनाध्‍यक्षों, हरियाणा के मुख्‍यमंत्री, एनएसए अजीत डोभाल, सेना के अधिकारी और जवानों ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनका अंतिम संस्‍कार कर दिया गया। ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर ने कांगों में यूएन मिशन के तहत अपनी सेवाएं दी थीं।

उनका सहयोग चीन से लगती सीमा पर बेहतर रणनीति बनाने और जम्‍मू कश्‍मीर में आतं‍क विरोध अभियान की रणनीति बनाने में उनका अहम योगदान रहा था।वो सीडीएस जनरल बिपिन रावत के करीब डेढ़ वर्षों से मिलिट्री एडवाइजर थे।उनकी एक बेटी है। बेहद खुश-मिजाज और बहादुर जवान को आज देश नमन कर रहा है। बता दें कि ब्रिगेडियर लिड्डर के पिता भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद प थे। कुछ ही समय में उनका मेजर जनरल पद के लिए प्रमोशन होने वाला था। वे पंचकुला के रहने वाले थे।

ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर की पत्नी गीतिका लिद्दर ने कहा कि हमें उसे एक अच्छी विदाई देनी चाहिए, मुस्कुराते हुए विदा करना चाहिए, मैं एक सैनिक की पत्नी हूं। यह एक बड़ा नुकसान है। उनकी बेटी आशिना ने इस मौके पर कहा कि उनके पिता उनके हीरो थे। वो 17 वर्षों तक हमारे साथ थे। उनकी बहुत अच्‍छी यादें हमारे बीच हैं। आशिना ने कहा कि वो उनके एक अच्‍छे दोस्‍त भी थे। वही उनके लिए एक प्रेरक थे। बता दें कि कुछ ही दिन पहले आशिना की लिखी एक किताब का विमोचन हुआ था।

हेलीकाप्‍टर क्रैश में हुआ था देहांत

आपको बता दें कि कुन्‍नूर हेलीकाप्‍टर में मारे गए सभी जवानों के पार्थिव शरीर गुरुवार को विशेष विमान से दिल्‍ली लाए गए थे। दिल्‍ली एयरपोर्ट पर इन जवानों को प्रधानमंत्री समेत कई अन्‍य गणमान्‍य लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि दी। बता दें कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकाप्‍टर बुधवार कुन्‍नूर में खराब मौसम की वजह से क्रैश हो गया था। इस हादसे में हेलीकाप्‍टर में सवार 14 में 13 लोग मारे गए थे। इस हादसे में केवल ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह ही बच पाए हैं जो फिलहाल लाइफ सपोर्ट पर हैं। उन्‍हें बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

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