बुलडोजर का टारगेट सिर्फ मुसलमान? जानें सुप्रीम कोर्ट में क्या आंकड़ा दिया सरकार ने

0 83

जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद वहां अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के मुद्दे पर अगले आदेश तक यथास्थिति कायम रखने के बृहस्पतिवार को निर्देश दिए। साथी ही, जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया गया है।

याचिका में दावा किया गया है कि दंगों के मुस्लिम आरोपियों की इमारतों को तोड़ा जा है। कोर्ट में कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें दी कि सिर्फ मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। हालांकि, सरकार ने आंकड़ों के साथ इसका विरोध किया।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा, ‘एक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप गलत है। मध्य प्रदेश के खरगोन में 88 प्रभावित पक्ष हिंदू हैं, जबकि 26 मुसलमान। मुझे खेद है कि इस आंकड़े को इस तरह विभाजित करना पड़ा। सरकार ऐसे करना नहीं चाहती है, लेकिन इसके लिए मुझे मजबूर किया जा रहा है।’

आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा, ”मेरे पास ऐसी तस्वीरें हैं जिनमें एक समुदाय के लोगों के घरों को तोड़ दिया गया। यह उनके भीतर डर पैदा करने की एक प्रक्रिया है। इसपर जज जे राव ने कहा कि आप किस राहत का दावा कर रहे हैं।

इसपर सिब्बल ने कहा, ”आप अतिक्रमणों को एक समुदाय से नहीं जोड़ सकते। अतिक्रमण ए और बी समुदाय तक सीमित नहीं हैं। आप केवल यह कहकर घरों को ध्वस्त नहीं कर सकते कि उन पर अतिक्रमण है। यह मंच यह दिखाने के लिए है कि कानून का शासन कायम है।” उन्होंने आगे कहा, ‘हमें विध्वंस पर रोक चाहिए।’ सिबल की इस मांग पर जज जे राव ने कहा हम देश भर में विध्वंस नहीं रोक सकते हैं।

सिब्बल ने फिर कहा, ”अतिक्रमण गलत है। लेकिन क्या आप मुसलमानों को अतिक्रमण से जोड़ रहे हैं।” जस्टिस राव ने फिर पूछा, किसी हिंदू संपत्ति को तोड़ा नहीं गया?

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया, “यह मामला जहांगीरपुरी तक सीमित नहीं है। यह हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करने वाला मामला है। अगर इसकी इजाजत दी गई तो कानून का राज नहीं बचेगा। भाजपा के अध्यक्ष ने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर विध्वंस शुरू करने के लिए और वे उसके बाद ध्वस्त कर देते हैं? नगर निगम अधिनियम नोटिस, अपील की सेवा प्रदान करता है..ओल्गा टेलिस मामले को देखें, जहां सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षित किया है।”

Leave A Reply

Your email address will not be published.