कनाडा चुनाव में भारतीय मूल के लोगों का शानदार प्रदर्शन, जगमीत सिंह सहित 18 को मिली जीत
हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय-कनाडाई लोगों का एक बड़ा दल होगा, क्योंकि कनाडा के चुनाव में इस समुदाय के 18 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
आपको बता दें कि चुनाव नतीजे सामने आने के बाद यह तय हो गया कि जस्टिन ट्रूडो फिर से कनाडा के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। हाल ही में भंग हुए कैबिनेट में शामिल सभी तीन भारतीय-कनाडाई मंत्री विजयी हुए हैं। उनमें न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के जगमीत सिंह भी शामिल हैं।
कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन लगभग 49% वोट शेयर के साथ वैंकूवर दक्षिण से फिर से चुने गए हैं। उनके कार्यकाल में कनाडा के सशस्त्र बलों में एक बड़े यौन उत्पीड़न संकट को लेकर बहुत आलोचना हुई। इंडो-कनाडाई लोगों में मंत्री अनीता आनंद का भी नाम शामिल है। उन्होंने ओकविले, ओन्टेरियो से अपनी सीट बरकरार रखी। वहीं, युवा मंत्री बर्दिश चागर ने भी जीत दर्ज की है।
एनडीपी नेता जगमीत सिंह लगभग 38% वोटों के साथ बर्नाबी साउथ से फिर से चुने गए। हालांकि, उनका ध्यान उनके नेतृत्व वाली पार्टी के राष्ट्रीय प्रदर्शन पर रहा होगा, क्योंकि NDP ने अपना वोट शेयर 2019 में 15.98% से बढ़ाकर 17.7% कर लिया था। हाउस ऑफ़ कॉमन्स में केवल उनकी पार्टी की सीट 24 से बढ़कर 25 हो गई।
इंडो-कैनेडियन लिबरल पार्टी के जॉर्ज चहल ने भी जीत हासिल की है। उन्होंने अल्बर्टा में कैलगरी स्काईव्यू से कंजरवेटिव सांसद जग सहोता को मात दी है। जस्टिन ट्रूडो की सत्तारूढ़ पार्टी को 2019 में इस प्रांत में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। इस सीट पर पहली बार सांसद बनने वाले चहल को संभवतः अगले कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र के कई मौजूदा सांसद फिर से चुने गए। उनमें से सबसे प्रमुख हैं ब्रैम्पटन वेस्ट से पूर्व संसदीय सचिव कमल खेरा, ब्रैम्पटन नॉर्थ से रूबी सहोटा, ब्रैम्पटन साउथ से सोनिया सिद्धू और पार्कडेल-हाई पार्क से आरिफ विरानी। इसके अलावा सुख धालीवाल ने अपनी सरे-न्यूटन सीट बरकरार रखी, जबकि रणदीप सराय ने सरे से फिर से जीत हासिल की। क्यूबेक में डोरवाल-लाचिन-लासाल से अंजू ढिल्लों को लगातार तीसरी बार जीत हासिल हुई है। ओटावा के पास नेपियन से चंद्र आर्य ने भी इस चुनाव में जीत दर्ज की है।