छठ पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, पड़ सकता का उल्टा असर! देवघर के ज्योतिषी ने किया सावधान

0 49

हिन्दू धर्म में छठ पूजा का बहुत हीखास महत्व है. हर पर्व में व्रत रखा जाता है. लेकिन छठ पूजा का व्रत बहुत हीकठिन होता है. आम तौर पर 24 से30 घंटा निर्जला व्रत रखा जाता है.

लेकिन सबसे अधिक 36 घंटे का निर्जला व्रत इसी महापर्व में रखा जाता है. छठ पूजा पूरे उत्तर भारत मे मनायीजातीहै. वहीं छठ पूजा बहुत हीशुद्धता के साथ मनाया जाने वाला पर्व है. इस महापर्व मेंकुछबातों का ध्यान रखना अवश्यक होता है. नहीं तो पूजा असफल हो सकती है.

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि छठ पूजा में शुद्धता का बेहदख्याल रखा जाता है. उसके साथ ही साफ सफाई का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है. छठ पूजा में माता छठ और भगवान सूर्य की उपासना की जाती है. छठ पूजा के दौरान कठोर नियमों का भी पालन करना जरूरी होता है. जातक कोई भी ऐसी गलती ना करें जिससे छठ मैया नाराज हो जाए और उसका परिणाम नकारात्मक हो. जैसे झूठा अनाज का प्रयोग ना करें. प्रसाद में पुराना या बिना शुद्ध किया हुआचूल्हा का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

तामसिक भोजन ना करें

ज्योतिष आचार्य आगे कहते है कि छठ पूजा के दौरान तामसिक भोजन जैसे लहसुन,प्याज,मांस, मदिरा आदि भूलकर भी नहीं करना चाहिए नहीं तो छठ मैया रुष्ट हो सकती हैं और इसका नकरात्मक परिणाम परिवार पर पड़ सकता है.

छठ पूजा के दौरान इन बातों का रखे ध्यान :

छठ पूजा के प्रसाद मे उपयोग आने वाले अनाजों की सफाई अच्छे सें कर लेनी चाहिए.अनाज को घर में ही धोकर, पीसकर और कूटकर प्रसाद बनाया जाता है.इस दौरान विशेष बात का ध्यान रखें की चिड़िया या कोई जानवर अनाज को झूठ ना करें.

प्रसाद बनाने में नए चूल्हे का उपयोग :

खरना के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है. यह प्रसाद मिट्टी के चूल्हे में ही बनाया जाता है. प्रसाद बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि चूल्हा नया हो. यानी पुराने चूल्हे में भूलकर भी करना का प्रसाद ना बनाये इससे छठी मैया नाराज हो सकती हैं.

इस धातू केबर्तन का ना करें उपयोग:

छठ पूजा पूरे प्राकृतिक पर्व माना जाता है.पूजा में इस्तेमाल होने वाले सुप, डाला या टोकरी बस का ही बनाया जाता है. भूलकर भी छठ पूजा में कांच का बर्तन या स्टील का बर्तन उपयोग न करें. इसके साथ ही प्रसाद में शुद्ध घी और अच्छे फलों का ही इस्तेमाल करें. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

Leave A Reply

Your email address will not be published.