CWC मीटिंग में बड़ा फैसला, राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को बताया जरूरी, कहा- फिर होगा आर्थिक सर्वे

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि पार्टी की कार्य समिति ने जाति आधारित जनगणना के विचार के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय लिया है.

कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के ज्यादातर घटक दल जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा, ‘कार्य समिति ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया. सबकी सहमति से जाति आधारित जनगणना के विचार का समर्थन करने का फैसला हुआ.’ राहुल ने कहा कि कांग्रेस जाति जनगणना के लिए भाजपा पर पुरजोर दबाव बनाएगी.

कांग्रेस नेता ने कहा, “यह राजनीतिक निर्णय नहीं है, बल्कि न्याय का निर्णय है.” उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा जाति आधारित जनगणना कराने में ‘अक्षम’ हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि भाजपा ओबीसी वर्ग के लिए काम नहीं करती, बल्कि उनका ध्यान भटकाने का प्रयास करती है. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना एक ‘एक्सरे’ की तरह है जिससे ओबीसी और अन्य वर्गों की स्थिति के बारे में पता चल सकेगा. राहुल गांधी ने सवाल किया कि आखिर भाजपा यह ‘एक्सरे’ क्यों नहीं चाहते?

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को यहां बैठक हुई जिसमें जाति आधारित जनगणना और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे.

कार्य समिति की बैठक ऐसे वक्त हुई है जब कुछ विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. इस कड़ी में हालिया कार्रवाई, दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी है. कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की गिरफ्तारी की निंदा की है, लेकिन पंजाब में अपने नेताओं के खिलाफ की गई इसी तरह की कार्रवाई की आलोचना की है, जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में है. पंजाब में मादक पदार्थ से जुड़े मामले में कांग्रेस की किसान इकाई के प्रमुख सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी की गई है.

खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पुनर्गठित कार्य समिति की यह दूसरी बैठक थी. कांग्रेस कार्य समिति की पिछली बैठक 16 और 17 सितंबर को हैदराबाद में हुई थी. कार्य समिति के पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक थी. उस बैठक में कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की पहल को वैचारिक एवं चुनावी सफलता दिलाने का संकल्प लिया था. पार्टी ने यह भी कहा था कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी, जवाबदेह एवं जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले.

कार्य समिति की पिछली बैठक में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई और कहा गया कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा बढ़ाई जाए. बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया था.

कांग्रेस ने 20 अगस्त को अपनी कार्य समिति का पुनर्गठन किया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं. कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं. इसमें सचिन पायलट और शशि थरूर जैसे नेताओं को पहली बार जगह मिली है.

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