साइक्लोन ‘मोचा’ बेहद भीषण तूफान में बदला, पोर्ट ब्लेयर से 530 KM दूर, NDRF ने बंगाल के दीघा में 8 टीमों को किया तैनात
मध्य बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण पूर्व में चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ (Cyclone Mocha) एक बहुत ही भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया है. आईएमडी ने कहा कि ‘मोचा’ पिछले छह घंटों के दौरान 9 किमी. प्रति घंटे की गति से उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है.
12 मई को चक्रवात मोचा पोर्ट ब्लेयर से लगभग 520 किमी. पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में पहुंच गया था. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बयान में कहा साइक्लोन मोचा कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) से 1010 किमी. दक्षिण-पश्चिम में और सिटवे (म्यांमार) से 930 किमी दक्षिण पश्चिम में पहुंच गया था.
मौसम विभाग ने कहा कि इसके उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और तेज होने की संभावना है. इसके 14 मई की दोपहर के आसपास कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) और सितवे के करीब क्यौकप्यू (म्यांमार) के बीच तट को पार करने की संभावना है. ये 150-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान है. जिसमें हवा की रफ्तार 175 किमी. प्रति घंटे तक हो सकती है. यमन ने इस तूफान का नामकरण चक्रवात ‘मोचा’ (उच्चारण मोखा) किया है, जो शुक्रवार को अपनी तेजी पर आने वाला है. यमन ने लाल सागर के बंदरगाह शहर मोखा के नाम पर चक्रवात का नाम ‘मोचा’ (मोखा) रखा, जिसने 500 साल पहले दुनिया को कॉफी की सौगात दी थी.
NDRF ने संभाला मोर्चा
जैसे ही चक्रवात मोचा ‘गंभीर’ हुआ, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने पश्चिम बंगाल के दीघा में आठ टीमों और 200 बचावकर्ताओं को तैनात किया है. एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के कमांडेंट गुरमिंदर सिंह ने कहा कि ‘भविष्यवाणियों के अनुसार चक्रवात मोचा 12 मई को एक भयंकर तूफान और 14 मई को एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा.’ उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के 200 बचावकर्मियों को जमीन पर तैनात किया गया है और 100 बचावकर्मी स्टैंडबाय पर हैं. इसके रविवार को म्यांमार में बंदरगाह शहर सितवे के करीब क्यौकप्यू और बांग्लादेश के कॉक्स बाजार के बीच तट से टकराने की उम्मीद है.
‘मोचा’ से कहां होगी बारिश?
मौसम विभाग ने कई पूर्वोत्तर राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है. मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की गति के कारण इन इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 12, 13 और 14 मई को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. त्रिपुरा और मिजोरम में 13 मई और 14 मई को अधिकांश स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. नागालैंड, मणिपुर और दक्षिण असम में 14 मई को बारिश होने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है.
क्या लोगों के लिए कोई अलर्ट जारी किया गया है?
भारतीय तटरक्षक बल ने बुधवार को मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह देते हुए चेतावनी जारी की. इंडियन कोस्ट गार्ड के अंडमान सागर के कम दबाव वाले क्षेत्रों के आसपास नियमित हवाई निगरानी उड़ानों से सुरक्षा अलर्ट शुरू किए जा रहे हैं. मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
म्यांमार में तैयारी
म्यांमार नाउ के मुताबिक 10,000 से अधिक लोग पहले ही सुरक्षित आश्रय के लिए निकल चुके हैं. वाशिंगटन पोस्ट ने भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के एक जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल के हवाले से कहा कि ‘बंगाल की खाड़ी में वैश्विक स्तर पर कुल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का केवल 4% आते हैं. लेकिन चक्रवातों से होने वाली मौतों में से 80% से अधिक इसी इलाके से होती हैं.’ चक्रवात मोचा ऐसे समय में दस्तक दे रहा है जब म्यांमार में पहले से ही गृहयुद्ध चल रहा है. वाशिंगटन पोस्ट का कहना है कि लगभग 20 लाख आंतरिक रूप से विस्थापित और अन्य 10 लाख शरणार्थियों के साथ एक बड़ी आबादी इसके जोखिम में आ सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश सीमा के दक्षिण में जिस जगह पर मोचा तट से टकराने वाला है, वो इलाका लड़ाई की जगह रहा है. इसमें विस्थापितों के लिए कई विशाल शिविर हैं.
बंगाल के अन्य हिस्सों में ‘मोचा’ की तैयारी
उत्तर 24 परगना जिला प्रशासन तूफान की चेतावनी के मद्देनजर सुंदरबन इलाके में जरूरी कदम उठा रहा है. संदेशखाली-1, संदेशखाली-2, हिंगलगंज और मीनाखान सहित सुंदरबन के पास हर ब्लॉक में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. सिविल डिफेंस के जवान चौबीसों घंटे वहां रहेंगे. एक अधिकारी ने कहा कि सिंचाई और बिजली विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां अगले एक सप्ताह के लिए रद्द कर दी गई हैं. इलाके के स्कूलों को शेल्टर के तौर पर तैयार किया जा रहा है. प्रखंड प्रशासन सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ कमजोर बांधों का निरीक्षण कर रहा है.
प्रशासन लगातार जनता के संपर्क में
संदेशखाली, हिंगलगंज और हसनाबाद क्षेत्रों में जहां कमजोर तटबंध हैं, वहां शीघ्र मरम्मत के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं स्थानीय पंचायतों को बांधों का दिन-रात निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है. राहत शिविरों के साथ जिला तट के साथ कुल 56 चक्रवात आश्रयों को सक्रिय किया गया है और स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.