ऑफिसर के अलावा कुछ और लोगों ने भी बच्ची के साथ रेप किया? दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस और महिला विभाग को जारी किया नोटिस

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई कथित बलात्कार की घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस से जानकारी तलब की है. इस मामले में दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी प्रेमोदय खाखा पर बलात्कार का आरोप है.

मुख्य न्यायाधीश एस के शर्मा की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि पीड़ित बच्ची की पहचान किसी भी सूरत में जाहिर नहीं हो. मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के महिला व बाल कल्याण मंत्रालय से जवाब तलब किया है.

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जानकारी मांगी है कि बच्ची का आरोप है कि कुछ और लोगों ने भी उसके साथ बलात्कार किया है, इस दिशा में क्या कार्रवाई अब तक की गई है. पुलिस ने बताया कि इस पहलू की भी जांच की जा रही है.

पुलिस ने बताया कि बच्ची की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. कोर्ट इस मामले में विस्तृत आदेश भी जारी करेगा. हालांकि कोर्ट ने कहा कि बच्ची को सुरक्षा और मुआवजा दोनों मिलना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश ने खुद दायर की जनहित याचिका

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस संबंध में खुद एक जनहित याचिका दायर की है. बेंच ने कहा कि पीड़िता को उचित सुरक्षा और मुआवजा मुहैया कराया जाना चाहिए.

दिल्ली सरकार और शहर की पुलिस ने हाईकोर्ट बेंच को सूचित किया कि पीड़ित लड़की को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत नाजुक है. वहीं सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अधिवक्ता ने कहा कि एनसीपीसीआर ने भी मामले का संज्ञान लिया है और अधिकारियों द्वारा नियमों के अनुपालन में कुछ विसंगतियां बरती गई हैं. अधिवक्ता ने कहा कि आयोग इस मामले में एक रिपोर्ट दाखिल करेगा.

खासा पर नाबालिग लड़की से बलात्कार और गर्भवती करने का आरोप

बता दें कि दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी प्रेमोदय खाखा पर नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच लड़की के साथ कई बार बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने का आरोप है. दिल्ली पुलिस ने उसे गत 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है. खाखा की पत्नी सीमा रानी भी न्यायिक हिरासत में है. उस पर लड़की को गर्भ गिराने की दवा देने का आरोप है.

पुलिस के मुताबिक, खाखा पीड़िता का पारिवारिक मित्र था. पीड़िता एक अक्टूबर 2020 को अपने पिता की मौत के बाद से आरोपी के घर पर रह रही थी. पीड़िता द्वारा अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने के बाद खाखा और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(एफ) (महिला के रिश्तेदार, अभिभावक या शिक्षक, या उसके विश्वास पात्र व्यक्ति या उस पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति का उसके साथ बलात्कार करना) और 509 (ऐसे शब्द, इशारे या कार्य, जिनका उद्देश्य किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना हो) तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक, मामले में आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराना) और 120बी (आपराधिक साजिश) भी शामिल की गई है.

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