आशीर्वाद टावर अग्निकांड: इधर लाशों के ढेर, उधर शादी के फेरे, मां-दादा सहित 14 की मौत के बीच विदा हुई दुल्हन

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धनबाद के आशीर्वाद टावर में मंगलवार की रात हुए अग्निकांड में 14 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें अधिकतर लोग एक ही परिवार के सदस्य और रिश्तेदार हैं. जो परिवार हादसे का शिकार हुआ है उस घर में बेटी की शादी थी.

जब हादसा हुआ, तब घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित सिद्धि विनायक मैरेज हॉल में बेटी स्वाति की शादी की रस्में चल रही थी.

भीषण आपदा से मर्माहत पिता सिर झुकाये शादी समारोह में बैठे थे और दुल्हन शादी की रस्में पूरी कर रहे थे. बेटी को पिता ने इस बात का तनिक भी आभास नहीं होने दिया कि घर में इतना बड़ा हादसा हुआ है.

स्वाति की विदाई होने के बाद सुबोध श्रीवास्तव के साथ परिजन एसएनएमएमसीएच पहुंचे और अपनों की पहचान करने लगे. परिजन शव की पहचान के साथ फफक-फफक कर रो रहे थे. स्वाति के हाथ पीले तो जरूर हो गए लेकिन उसकी शादी की रात परिवार के लिए काली रात साबित हुई क्योंकि स्वाति की मां, दादा और मौसी अब इस दुनिया में नही रहे. आग लगने की वजह जो पता चला है उसके अनुसार पूजा के लिये जलाये गए दीपक से आग लगी. आग दूसरे तल्ले में चार्टर्ड एकाउंटेंट पंकज अग्रवाल के घर आग लगी जो धीरे-धीरे तीसरे और चौथे तल्ले तक फैल गई. सबसे ज्यादा मौत हादसे में दम घुटने से हुई है.

आशीर्वाद टावर के फोर्थ फ्लोर पर सुबोध श्रीवास्तव का फ्लैट है. उनकी बेटी पूजा की शादी मंगलवार को थी. सुबोध श्रीवास्तव के रिश्तेदार अशोक लाल ने बताया कि दुल्हन तैयार होकर शाम पांच बजे मैरिज गार्डन चली गई थी, वहीं पूजा की मां, चाची, मौसी समेत महिलाएं और बच्चे तैयार होकर निकलने वाले थे कि तभी वो आग में घिर गए. मालूम हो कि धनबाद के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के शक्ति मंदिर के बगल में स्थित आशीर्वाद टावर में मंगलवार की देर शाम आग लग गयी. इस अगलगी में 14 लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग झुलस गए.

मरने वालों में 9 महिला, 3 बच्चे समेत 14 लोग शाम‍िल हैं. मृतकों की संख्‍या बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. घायलों में कुछ को एसएनएमएमसीएच भेज गया है. आग आशीर्वाद ट्वीन टावर के पीछे वाले बी ब्लॉक में दूसरी मंजिल पर लगी थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अगलगी के बाद रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के दौरान लोगों को बचाने के क्रम में बैंक मोड़ थानेदार पीके सिंह भी झुलस गए हैं. उन्हें इलाज के लिए स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है. जबकि दो दर्जन लोगों को भी आशीर्वाद टावर से निकालकर बदहवास और बेहोशी की हालत में इलाज के लिए स्थानीय नर्सिंग होम भेज गया.

कुछ की गंभीर स्‍थ‍िति को देखते हुए एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया है. पाटलिपुत्र नर्सिंग होम में 20 मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमे लड़की की परिजन रीना देवी भी शामिल हैं. दस मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है. शादी का माहौल मातम में बदल गया. बारात गिरिडीह से आई थी.. हादसे में 14 मौत हुई है. मृतकों में लड़की की मां, मौसी और दादा भी शामिल हैं.

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