इस बार होली पर बनेगा महासंयोग, धन-धान्य की होगी वृद्धि, मिटेंगे सारे कष्ट
फाल्गुन पूर्णिमा पर 24 मार्च को होलिका दहन और चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि पर रंगवाली होली 25 मार्च (धुलेंडी) मनाई जाएगी.
इस बार होली पर दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है, इसमें होलिका की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, धन प्राप्ति का आशीर्वाद मिलेगा. ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष कुमार पांडे ने बताया कि होलिका दहन से पहले प्रदोष काल में इसकी पूजा की जाती है. होलिका की पूजा के लिए शाम 06:35 से रात 9:31 तक का शुभ मुहूर्त रहेगा.
उन्होंने बताया कि होलिका पूजन करने से संतान, धन-धान्य की प्राप्ति होती है. साथ ही पंचोपचार पूजन विधि से पूजा करने से रोग दोष की निवृत्ति होती है साथ ही घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है.ज्योतिष शास्त्र में भद्रा का वास चंद्रमा के राशि संचरण के आधार पर बताया गया है. यदि भद्रा कन्या, तुला, धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आती है तो वह भद्रा पाताल में वास करती है और पाताल में वास करने वाली भद्रा धन-धान्य और प्रगति को देने वाली मानी गई है.
होलिका का पूजन प्रदोष काल में होगा
ज्योतिष ने बताया कि धन-धान्य की वृद्धि देने वाला पर्व होलिका का पूजन प्रदोष काल में होगा. इस समय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में किया गया कार्य विशेष पर्व काल पर आता हो तो यह नक्षत्र धन-धान्य की वृद्धि देने वाला माना गया है. होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रारहित करना शास्त्रोक्त होता है. फाल्गुन रविवार 24 मार्च को प्रातः 9:56 से पूर्णिमा प्रारंभ होगी, जो अगले दिन सोमवार को दिन के 12:30 तक रहेगी.
अतः प्रदोष काल में पूर्णिमा का 24 मार्च को ही होने से होली पर्व इसी दिन मनाया जाएगा, किंतु इस दिन भद्रा सुबह 9:56 से शुरू कर रात 11:13 तक रहेगी.शास्त्रानुसार होलिका दहन में यदि भद्रा निशिथ (अर्धरात्रि ) से पहले ही समाप्त हो जाती है तो तो भद्रा समाप्ति पर ही होलिका दहन करना चाहिए. इस बार भद्रा निश्चित समय 12:33 बजे से पूर्व ही समाप्त हो रही है. इसलिए 24 मार्च रविवार को भद्रा के बाद रात 11:14 से 12:33 तक होलिका दहन करना शास्त्रोक्त रहेगा.