ED मुख्यालय के सारे लॉकअप हुए फुल, नए गिरफ्तार आरोपी के लिए फिलहाल ‘No Entry’

0 87

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Directorate of Enforcement) के दिल्ली स्थित मुख्यालय में नए गिरफ्तार आरोपियों को रखने के लिए सारे लॉक अप फुल हो गए हैं.

अब नए आरोपियों को हिरासत में रख कर पूछताछ करने के लिए लॉकअप के खाली होने का इंतजार किया जा रहा है. वहीं राजनीतिक गलियारों में एक खबर की बेहद चर्चा में चल रही थी क‍ि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के कविता को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है.

हालांकि इस संभावना भरी अटकलों पर विराम लगाते हुए के.कविता ने खुद को 16 मार्च को पूछताछ की प्रक्रिया में हिस्सा लेने से मना कर और अपने वकील को कुछ डॉक्यूमेंट के साथ मुख्यालय भेजा था, लेकिन के.कविता के मसले पर चर्चा चल रही थी की अगर के.कविता की गिरफ्तारी होती है तो उन्हें कहां रखा जाता. क्योंकि चारों लॉकअप फुल हो चुके हैं, जो अगले सप्ताह में खाली होने की संभावना है .

देश की सबसे बड़ी एजेंसी बन गई है ईडी

जांच एजेंसी ईडी के द्वारा लगभग रोजाना देशभर में कार्रवाई होते ही रहती है, क्योंकि पिछले कुछ सालों के दौरान ईडी की तफ्तीश और उसके बाद छापेमारी सहित आरोपियों की गिरफ्तारी, हिरासत में पूछताछ के मामले में कई गुना तेजी देखने को मिल रहे हैं. इसी बात के मद्देनजर पिछले साल ईडी मुख्यालय का पता बदला गया था यानी नई दिल्ली जिला अंतर्गत खान मार्केट वाली बिल्डिंग को छोड़कर ईडी का मुख्यालय जनपथ स्थित एक नए मुख्यालय में शिफ्ट किया गया था. इस नई बिल्डिंग में चार लॉकअप बनाए गए थे. जिसमें हिरासत में लिए गए आरोपियों को रखा जाता है और फिर दिन में उनसे पूछताछ की जाती है. आज के ताजा हालात यह है क‍ि अगर बात करें तो ईडी मुख्यालय अंतर्गत चारों लॉकअप फुल हो चुके हैं. जो अगले सप्ताह खाली होने या नए आरोपियों के आने की संभावना बन रही है.

ईडी के लॉकअप में मौजूद हैं चार बड़े स्तर के राजनेता सहित अन्य आरोपी

ईडी मुख्यालय में स्थित लॉकअप में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, टीएमसी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुब्रत मंडल, दिल्ली आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कारोबारी आरोपी अरुण रामचंद्र पिल्लई ,पश्चिम बंगाल के रहने वाले और टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल का चार्टेड अकाउंटेंट मनीष कोठारी को ईडी मुख्यालय में रखा गया है. इन सभी आरोपियों को अलग(-अलग लॉकअप में रखा गया है, जिससे की इन लोगों को आपस में कोई संवाद नहीं हो सके. हालांकि इससे पहले ईडी के पुराने मुख्यालय में कोई लॉकअप नहीं होता था. लिहाजा दिनभर पूछताछ करने के बाद रात के वक्त आरोपी को स्थानीय तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में रखा जाता था. उसके बाद सुबह के वक्त उसका मेडिकल जांच करवाने के बाद फिर से वापस ईडी मुख्यालय में लाकर पूछताछ की जाती थी. लेकिन अब वो पुरानी समस्या नहीं रही है. ईडी मुख्यालय में स्थित लॉकअप में ही आरोपियों को रखा जाता है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.