धरती से खत्म हो जाएंगे इंसान! वैज्ञानिकों ने तय कर दी तारीख, क्या होगा साल 2026 के बाद?
दुनिया भर में तेजी से बढ़ती आबादी चिंता का सबब बनी हुई है. लेकिन कई लेटेस्ट आकड़ों पर गौर करें तो जनसंख्या की रफ्तार में कमी आई है. फिर एक समय आएगा जब इसकी रफ्तार बिल्कुल थम जाएगी और आने वाले समय में इंसानों की जनसंख्या घटनी शुरू हो जाएगी.
जहां बढ़ती आबादी की वजह से पूरी दुनिया परेशान है, वहीं आने वाले समय में जनसंख्या में कमी भी चिंता की वजह बन सकती हैं, क्योंकि इसका प्रभाव सीधे तौर पर इकोनॉमी पर पड़ने वाला है.
एक नए अध्ययन में बताया गया है कि आने वाले 300 सालों में दुनिया की आबादी घटकर एक चौथाई रह जाएगी यानी की वर्तमान में दुनिया की आबादी 8 अरब है और अगर यह इतना ही रहती है तो, आने वाले सालों में मात्र 2 अरब रह जाएगी. विशेषज्ञों ने बताया कि 2050 तक दुनिया भर की जनसंख्या अपने पीक पर रहेगी. 27 सालों में दुनिया की आबादी बढ़कर 10 के करीब हो सकती है. अमेरिका के एक पॉपुलेशन रिसर्च सेंटर ने बताया कि हमारी आने वाली पीढ़ी जनसंख्या में गिरावट को देखेगी. आने वाले समय में टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) गिरकर 2.1 से 2.0 रह जाएगी, जिससे आबादी पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.
कई देशों में TFR में आई गिरावट
आपको बताते चलें कि जहां दुनिया का औसत फर्टिलिटी रेट 2.1 है लेकिन कई देश ऐसे हैं जो टीएफआर (TFR) की कमी देख रहे हैं, इनमें कई बड़े अर्थव्यवस्था भी शामिल हैं. भारत का टीएफआर (TFR) पहले से ही घटकर 1.8 हो गया है. भारत की औसत उम्र 28 साल है लेकिन 2048 में यह बढ़कर 40 साल हो जाएगी यानी की भारत में प्रजनन की दर मृत्यु दर से कम होगी. इस हिसाब से दुनिया के कई देश आबादी की क्राइसिस से जूझेंगे.
अभी कई विकसित देश जैसे कि जापान और चीन की बात करें तो ये बढ़ती आबादी से काफी परेशान हैं. यहां पर मृत्युदर जन्मदर से ज्यादा है और यहां पर बुजुर्ग जनसंख्या ज्यादा है. यहां की सरकार जनसंख्या की वृद्धि के लिए तरह-तरह की स्कीम लेकर आ रही है ताकि वहां के नवयुवक आबादी शादी के लिए प्रोत्साहित हो जाएं.
साल 2026 अहम
वैज्ञानिकों रिसर्चरों ने बताया है कि साल 2026 काफी अहम् होने वाला है. क्योंकि वर्तमान में दुनिया का फर्टिलिटी रेट 2.1 है, लेकिन आने वाले 2 सालों में यह घटकर 2.0 हो जाएगा जिसका सीधा प्रभाव जन्मदर पर पड़ने वाला है. इसके आधार पर गणना करें तो आने वाले 300 सालों में दुनिया की आबादी घटकर मात्र 2 अरब रह जाएगी.