पहली गोली गलती से चली तो ने दूसरी सीने में क्‍यों मारी… आर्यन मिश्रा के बिलखते प‍िता का दर्द सुनें, लगने लगेगा डर

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गौ रक्षकों के निशाने पर अब पहलू खां, अकबर, अब्दुल नहीं मिश्रा और शर्मा जी भी आ गए हैं. हरियाणा के फरीदाबाद में बीते दिनों गौ तस्करी के शक में 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा की हत्या के बाद लोगों के मन में यही सवाल उठ रहे हैं.

आर्यन के पिता ने न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहा है कि इस घटना की अब लीपापोती की कोशिश की जा रही है. आर्यन मिश्रा के पिता ने बेटे की मौत के लिए गौ रक्षकों को जिममेदार ठहरा रहे हैं. साथ ही उनका शक बेटे के साथ रहने वाले कुछ लड़कों पर भी है. बीते दिनों हरियाणा के चरखी दादरी में भी एक व्यक्ति की गोमांस खाने के संदेह में गौ रक्षकों ने पीट-पीटकर मार डाला था. ऐसे में सवाल उठता है कि गौरक्षों को हत्या करने का अधिकार किसने दिया? क्या हरियाणा पुलिस के हाथ अब बंध गए हैं?

बीते 23 अगस्त को पलवल जिले के एनएच-19 गदपुरी टोल प्लाजा के पास आर्यन मिश्रा को गाय तस्कर समझ कर गौ रक्षकों ने गोलियां चला दी थी. गौरक्षकों ने 30 किलोमीटर तक आर्यन का पीछा कर गोली मारी. 24 अगस्त आर्यन की मौत हो गई. न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में आर्यन मिश्रा के पिता सिया नंद मिश्रा कहते हैं, ‘हम इतना जानते हैं कि हमारी किसी से दुश्मनी नहीं थी. अनिल कौशिक (घटना के आरोप में गिरफ्तार गौरक्षक) ने पुलिस की मौजूदगी में कहा है कि मेरे से गोली लगी है. अनिल कौशिक से मैं डायरेक्ट मिला हूं. वह भी प्रशासन की मौजूदगी में. अनिल कौशिक ने कहा है कि गलती से एक गोली लगी है. इस पर मैंने पूछा की दूसरी गोली सीने में क्यों मारी? इसका जवाब अनिल कौशिक नहीं दे रहा है. मेरा सवाल है कि गौरक्षा के नाम पर गोली मारने का अधिकार किसने दिया? कौशिक फरीदाबाद के 30 सेक्टर क्राइम ब्रांच के दफ्तर में मेरे से पटर-पटर कर रहा था. बार-बार बोल रहा था कि गोली गलती से लग गई है.’

गौरक्षक के नाम पर ‘राजनीति’

सिया नंद मिश्रा कहते हैं, ‘मैं यूपी के गोंडा जिला में थान वजीरगंज के चौखट गांव का रहने वाला हूं. मेरे तीनों बेटों का जन्म यहीं हुआ है. तीन बेटों में आर्यन सबसे छोटा था. बड़ा बेटा साफ-सफाई का काम करता है और छोटे के पैर में प्लेट लगा हुआ है. वह भी पढ़ता है. आर्यन 12वीं में पढ़ रहा था. अभी कुछ पता नहीं चल रहा है कि क्या हो रहा है. साथ में जो तीन आदमी थे उनको खुला क्यों छोड़ा गया है? हमको धमकी मिल रही है. क्यों इन लड़कों से धमकी मिल रही है? गाड़ी में मेरे बेटे को लेकर गए इन लड़कों से भी पूछताछ होनी चाहिए. सवा 1 बजे रात को हमारे लड़के को फोन कर क्यों बुलाया? मेरा बेटा बर्थडे मनाने गया था. एक बजे रात को आया ही था. कपड़ा बदला ही था कि फोन कर बुला लिया.’

इस मामले में हरियाणा पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. लेकिन, ऐसा कहा जा रहा है कि इस घटना को अब गौ तस्करी से हटाकर अलग रंग देने की कोशिश की जा रही है. इधर, पांच आरोपियों में से गिरफ्तार अनिल कौशिक की मां का कहना है कि मेरा बेटा इलाके का जाना माना गौ रक्षक है. मेरे बेटे ने गोली नहीं चलाई है. उस लड़के को किसकी गोली लगी मुझे नहीं पता. मेरा बेटा निर्दोष है, वह गौ रक्षा करता है. लोगों की सेवा करता है. गायों की बहुत सेवा करता है. वह किसी का खून नहीं कर सकता.’

क्या कहते हैं जानकार

हरियाणा की सोशल इंजीनियरिंग और राजनीति को करीब से समझने वाले मनीष कुमार कहते हैं, ‘हाल के दिनों में सरकार संरक्षित एक गैंग तेजी से फल और फूल रहा है. यह अपने आपको गौरक्षक कहते हैं. पढ़ने-लिखने वाले लड़के गौ रक्षा के नाम पर धंधा शुरू कर दिया है. पूरे हरियाणा में एक गैंग काम कर रहा है और इसका काम है गौ तस्करों से पैसा वसूली करना. क्योंकि, सरकारपरस्त यह गैंग है. इसलिए पुलिस भी इसपर हाथ रखने से डरती है. इसी का नतीजा है आर्यन केस. आप हाल के दिनों में हरियाणा के अखबारों की कटिंग उठाकर देख लें. समझ में आ जाएगा.’

दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर अजय राज शर्मा न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए किसी को भी गोली नहीं मारनी चाहिए. पुलिस भी आसानी से किसी को गोली नहीं चला सकता. अगर मारे भी तो पैर में ये ऐसी जगह पर मारे, जिसमें मौत न हो. गौ तस्करी में इस बच्चे को जो गोली मारी गई है, उसे मैं ठीक नहीं समझता हूं. देश का जो कानून है, उसी के तहत आप किसी को गोली मार सकते हैं. अगर एक आदमी वांटेड है तो एक बात है और एक आदमी वांटेड ही नहीं है तो कैसे गोली मार दी जाती है? गोली मारने वाले शख्स पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.’

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