Ganesh Puja Vidhi: भूलकर भी गणपति को न चढ़ाएं ये 5 चीजें, मिलेगा अशुभ फल, घर में आएगी दरिद्रता!

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प्रथम पूज्य गणपति महाराज का महापर्व शुरू हो गया है. भक्त उन्हें प्रसन्न करने में लगे हैं. मान्यता है कि विघ्नहर्ता की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के संकटों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-संपदा की प्राप्ति होती है. वैसे तो हर मास में गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है.

लेकिन, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी काफी खास होती है, क्योंकि इस दिन भगवान गणेश का जन्म माना गया है. इसी कारण अगले 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाता है. शास्त्रों में गणेश उत्सव का महत्व बताया गया है. उनकी पूजा के कुछ विधि विधान भी हैं. पूजा में कुछ ऐसी सामग्री भी हैं, जो विघ्नहर्ता को नहीं चढ़ाई जातीं.

पंडित हेमंत शर्मा का कहना है कि शास्त्रों के अनुसार, जितनी जल्दी गणपति प्रसन्न हो जाते हैं, वह उतनी ही जल्दी रुष्ट भी हो जाते हैं. इसलिए गणपति की पूजा करते समय कुछ नियमों को ध्यान जरूर रखना चाहिए. ऐसे ही जानिए गणपति को वह कौन सी चीजें हैं, जिन्हें बिल्कुल भी नहीं चढ़ाना चाहिए…

तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं

विघ्नहर्ता गणपति को कभी भी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए. पौराणिक कथाओं के अनुसार गणपति ने तुलसी से विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, जिससे नाराज होकर तुलसी ने उन्हें दो विवाह का श्राप दे दिया था. इसके बाद गणेश जी ने भी तुलसी को श्राप दिया कि तुम्हारा विवाह राक्षस से ही होगा. इसके बाद तुलसी जी को अपनी गलती का आभास हुआ. यही कारण है कि गणपति की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है.

टूटे हुए चावल

जब भी आप गणपति की पूजा करें तो इस बात का ध्यान रहे कि बप्पा को टूटे चावल नहीं चढ़ाने चाहिए. इस बात का ध्यान रखें की गणपति को सूखे नहीं, बल्कि गीले चावल चढ़ाए जाते हैं.

सफेद चीज भी न करें प्रयोग

विघ्न विनाशक को कभी भी सफेद चीज नहीं चढ़ानी चाहिए. क्योंकि सफेद चीजें चंद्रमा से संबंधित हैं. चंद्रदेव ने एक बार भगवान गणेश के रूप का मजाक बनाया था, जिसके बाद गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया था. इसलिए गणपति को सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि नहीं चढ़ाना चाहिए.

मुरझाए फूल और माला

पूजा करते समय हमें विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए कि गणेश जी की पूजा में मुरझाए और सूखे फल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास रहता है.

निषेध है केतकी के फूल

भगवान गणेश के पिता और देवों के देव महादेव को केतकी के फूल चढ़ाना वर्जित है. यही कारण है कि गणपति को भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाए जाते.

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