हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के मरते ही ईरान ने बुलाई OIC की बैठक, क्या है 57 मुस्लिम देशों का ये संगठन?

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इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मारने का दावा किया है. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने एक बयान में कहा कि इजरायल के टारगेटेड अटैक में नसरल्लाह मारा गया है.

इजरायल के दावे के बाद हिजबुल्लाह का समर्थक ईरान अलर्ट हो गया है. न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. उधर, ईरान ने इस्लामिक देशों के संगठन OIC (Organisation of the Islamic Cooperation) की फौरन बैठक भी बुलाई है.

इजरायल का बयान, जिसमें नसरल्लाह के मरने की पुष्टि की

क्या है OIC जिसकी ईरान ने बुलाई बैठक

OIC का फुल फॉर्म है आर्गेनाइजेशन ऑफ द इस्लामिक कोऑपरेशन. इसे इस्लामिक सहयोग संगठन भी कहते हैं. OIC चार महाद्वीपों में फैले 57 मुस्लिम देशों का एक संगठन है. यूनाइटेड नेशन के बाद यह दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा संगठन है. एक तरीके से OIC को मुस्लिम और इस्लामी देशों की आवाज के तौर पर देखा जाता है. इस संगठन की स्थापना का कनेक्शन भी इजरायल से ही जुड़ा हुआ है.

कब और कैसे बना OIC

मक्का और मदीना के बाद इजरायल के यरूशलम में स्थित अल अक्सा मस्जिद मुस्लिमों का तीसरा सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है. यह मस्जिद जहां है, उसको लेकर मुस्लिमों, यहूदियों और ईसाईयों में सदियों से लड़ाई चलती आ रही है. 25 सितंबर 1969 को यरूशलम की अल अक्सा मस्जिद में आग लगा दी गई. तब मुफ्ती आमीन अल हुसैनी ने इस आगजनी के लिए यहूदियों को जिम्मेदार ठहराया और दुनिया के सभी मुस्लिम देशों से इसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया और एक सम्मेलन बुलाया.

OIC की स्थापना में इजरायल का कनेक्शन

मुफ्ती आमीन अल हुसैनी के आह्वान पर 25 सितंबर 1969 को 24 मुस्लिम बहुल देश के प्रतिनिधि मोरक्को में जुटे. इसमें अल अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Mosque) पर तो चर्चा हुई ही, साथ ही इस बात पर भी मंथन हुआ कि इस्लामिक देशों के बीच आपसी सहयोग और संबंधों को कैसे और मजबूत किया जाए. इसी सम्मेलन में तय किया गया कि इस्लामिक देश एक संगठन बनाएंगे, ताकि आपसी आर्थिक, सांस्कृतिक सहयोग को और बढ़ावा दे सकें.

6 महीने बाद सऊदी अरब में OIC की पहली बैठक हुई. इस कांफ्रेंस में इन देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए. इसी सम्मेलन में संगठन का चार्टर बना और तय किया गया कि जेद्दा में संगठन का स्थायी सचिवालय बनेगा. संगठन का नाम ऑर्गेनाइजदेशन ऑफ द इस्लामिक कोऑपरेशन तय किया गया और कागजी तौर पर नींव रखी गई.

क्या है OIC का उद्देश्य

1. OIC का सबसे प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों के बीच एकजुटता स्थापित करना
2. किसी भी सदस्य राज्य की पूर्ण संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना
3. इस्लाम की रक्षा और बचाव करना
4. UN जैसे मंच पर इस्लामिक देशों को एकजुट रखना
5. मुस्लिम समाजों आर्थिक-सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना

कौन-कौन देश हैं इसके मेंबर

इस्लामिक सहयोग संगठन यानी OIC के कुल 57 मेंबर हैं. ये सारे या तो मुस्लिम देश हैं या मुस्लिम बहुल देश हैंय मेंबर्स पर नजर डालें तो अफगानिस्तान, बां,ग्लादेश, ईरान, इराक, जॉर्डन, मोरक्को, ओमान, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, क़तर, सऊदी अरब, तुर्की, संयुक्त अरब, अमीरात, उज़्बेकिस्तान और यमन जैसे देश इसके मेंबर हैं. इसके अलावा बॉस्निया, हर्ज़ेगोविना, थाईलैंड और साइप्रेस जैसे देश पर्यवेक्षक हैं.

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