घाटी में फिर पलायन की ओर कश्मीरी पंडित, चेतावनी के बाद पुलिस ने सील किए ट्रांजिट कैंप
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीरी पंडितों को उनके ट्रांजिट कैंपों तक सीमित कर दिया है और उनके बाहर निकने पर रोक लगा दी है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि समुदाय के सदस्यों ने टारगेट किलिंग के मद्देनजर बड़े पैमाने पर पलायन की धमकी दी थी।
प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत नियोजित लगभग 4,000 कश्मीरी पंडितों ने कल धमकी दी थी कि अगर प्रशासन ने उन्हें 24 घंटे के भीतर सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया तो वे घाटी छोड़ देंगे।
एक और कश्मीरी पंडित की हत्या
जम्मू की एक हिंदू स्कूल शिक्षिका रजनी बाला की कल कुलगाम जिले में उनके स्कूल के बाहर आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। इस हत्या से कुछ दिन पहले ही कश्मीरी पंडित समुदाय के एक और सदस्य राहुल भट की पिछले महीने बडगाम में मजिस्ट्रेट कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आज कई जगहों पर प्रवासी पंडितों के ट्रांजिट कैंप को सील कर दिया गया। श्रीनगर के इंद्रा नगर पड़ोस में, जहां समुदाय के कई कर्मचारी रहते हैं, वहां पुलिस ने एंट्री प्वाइंट्स को ब्लॉक कर दिया और किसी भी कश्मीरी पंडित को बाहर आने की अनुमति नहीं दी गई। सबसे बड़े ट्रांजिट कैंपों में से एक, वेसु पंडित कॉलोनी में, सैकड़ों कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया और न्याय व घाटी से दूसरी जगह पुनर्वास की मांग करते हुए नारे लगाए।
शिविरों के मुख्य द्वारों को बंद कर दिया गया
किसी भी पंडित को बाहर नहीं आने दिया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कई शिविरों के मुख्य द्वारों को बंद कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने कल कहा था कि समुदाय अपनी सुरक्षा के लिए सरकार से अपील करते-करते थक गया है। एक प्रदर्शनकारी ने एनडीटीवी को बताया, “हमें स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि हमें बचाया जा सके। हमारा प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा) से मिला था और हमने उनसे हमें बचाने के लिए कहा था। हम घाटी में सामान्य स्थिति वापस आने तक दो से तीन साल के लिए अस्थायी स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं।”
कश्मीर में शिक्षिका की हत्या के खिलाफ जम्मू में विरोध प्रदर्शन
कश्मीर घाटी के कुलगाम जिले में एक हिंदू शिक्षिका की हत्या के खिलाफ जम्मू शहर के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार को प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन का पुतला फूंका और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। हत्या को ‘कायराना हरकत’ करार देते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का दिया गया भरोसा झूठा साबित हुआ है।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को हथियारों का लाइसेंस देने की मांग की ताकि वे अपनी सुरक्षा कर सकें। पुलिस के मुताबिक 36 वर्षीय रजनीबाला की आतंकवादियों ने मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी। वह सांबा जिले की रहने वाली थीं। बाला की हत्या और प्रशासन के प्रति नाराजगी जताने के लिए कश्मीरी पंडितों ने जम्मू के दुर्गा नगर में प्रदर्शन किया। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी भी की।
कश्मीरी पंडित नेता विनोद टिक्कू ने कहा, ‘‘घाटी में आतंकवादियों ने 22 हिंदुओं की हत्या की है और 14 लोगों को घायल किया है। चांर मंदिरों पर हमले किए गए। यह कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर अघोषित हमला है और सरकार कह रही है कि स्थिति सामान्य है।’’
डोगरा फ्रंट ने भी विरोध प्रदर्शन किया और शहर में रैली निकाली। बजरंग दल के करीब 200 कार्यकर्ताओं ने भी बाला की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने भी जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष मनीष साहनी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया।