कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला नहीं करा पाया हिजाब का हिसाब, अड़ी छात्राएं, सीएम बसवराज बोम्मई भी सख्त

0 115

कर्नाटक में एक बार फिर हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट के कक्षाओं में ड्रेस पहनने को लेकर दिए आदेश के बावजूद मैंगलोर यूनिवर्सिटी में छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आने को लेकर अड़ी हैं।

शनिवार को भी वे हिजाब पहनते हुए कॉलेज पहुंची लेकिन जब उन्हें कक्षा में घुसने के लिए हिजाब उतारने को कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद वे वापस लौट गईं। इससे पहले हिजाब न पहनने को लेकर गुरुवार के दिन भी कुछ छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस बवाल के बीच प्रदेश के सीएम बसवराज बोम्मई और शिक्षा मंत्री बीसी नागेश का कहना है कि अदालत इस मामले में पहले ही फैसला सुना चुकी है। कक्षाओं में सिर्फ ड्रेस पहनने की ही अनुमति होगी।

कर्नाटक में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश में मलाली मंदिर मस्जिद विवाद और अब एक बार फिर कक्षाओं में हिजाब पहनने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हिजाब का मुद्दा गुरुवार को एक बार फिर राज्य में तब सामने आया जब मैंगलोर के यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और आरोप लगाते हुए परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।

कुछ मुस्लिम छात्राएं सिर पर दुपट्टा पहनकर कक्षाओं में भाग ले रही थीं। शनिवार को हिजाब पहनकर कुछ छात्राएं कॉलेज पहुंची लेकिन प्रिंसिपल अनुसूया राय ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद वे लाइब्रेरी की ओर गईं लेकिन वहां भी अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद वे वापस लौट गईं।

सीएम बसवराज और शिक्षा मंत्री ने क्या कहा

कर्नाटक के मैंगलोर यूनिवर्सिटी में हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि कोई मुद्दा उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत पहले ही अपना फैसला दे चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि हर कोई अदालत के निर्देश का पालन कर रहा है। अदालतें जो भी फैसला लेती हैं, उसका पालन करना होता है।

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि राज्य भर के स्कूल और कॉलेज परिसरों में केवल वर्दी की अनुमति है। उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का भी पालन करने पर जोर दिया।

गौरतलब है कि 14 मार्च को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है। इसलिए अदालत ने कक्षाओं में ड्रेस पहनने के निर्देश जारी किए थे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.