आरजी कर डॉक्‍टर मर्डर केस में 3D लेजर मैपिंग से खुलेगा राज! जानें क्‍या होती है ये तकनीक?

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कोलकाता के आरजी कर मेड‍िकल कॉलेज में जूनियर डॉक्‍टर से बर्बरता मामले में सीबीआई गुनहगारों की गर्दन तक पहुंचने के ल‍िए हर तरीके अपना रही है.

सीबीआई की टीम ने रव‍िवार को हॉस्पिटल के उस इमरजेंसी वार्ड की 3D लेजर मैपिंग की, जहां डॉक्‍टर बिट‍िया के साथ बर्बरता की गई. यहीं पर आधी रात को भीड़ ने जमकर तोड़फोड़ भी की थी. आइए जानते हैं क‍ि आख‍िर ये 3D लेजर मैपिंग तकनीक है क्‍या?

सीबीआई हर छोटी से छोटी चीज तलाश रही है, ताकि अपराध‍ियों तक पहुंचा जा सके. इसीलिए जांच एजेंसी की विशेष टीम ने 3डी मैपिंग क्षमता वाली विशेष लेजर स्कैनर मशीनों से इमरजेंसी वार्ड का कोना कोना कैप्‍चर क‍िया. यह तकनीक दीवार से दीवार तक की 360 डिग्री की तस्वीर ले सकती हैं. आप जानकर हैरान होंगे क‍ि इसमें खून का एक छोटा सा छींटा भी कैप्‍चर हो जाता है. कहां से क‍िस चीज की क‍ितनी दूरी है, उसकी मैपिंग हो जाती है.

जान‍िए 3D मैपिंग से क्‍या फायदा?

अमेर‍िकी और यूरोपीय देशों में इस तकनीक का खूब इस्‍तेमाल क‍िया जाता है. इससे इकट्ठा क‍िए गए सबूत घटना की कड़ी से कड़ी जोड़ने में काफी मदद करते हैं.

कोर्ट में जब जांच एजेंसी इस मामले के बारे में जानकारी रखेगी, तो ये मैपिंग भी पेश की जाएगी. कोर्ट को यह बताना आसान होगा क‍ि आख‍िर कहां से क्‍या हुआ.

पहले फोरेसिंक एक्‍सपर्ट स्‍ट‍िल इमेज लेते थे या वीडियो बनाते थे, लेकिन उसकी एक खास डिस्‍टेंस होती थी. लेकिन 3D मैपिंग में पूरे कमरे की एक ही इमेज निकाली जा सकती है. यह 360 डिग्री व्‍यू देता है, जिससे एक से दूसरी कड़ी को कनेक्‍ट करना आसान हो जाता है.

कई बार जांच एजेंसी इसके ल‍िए एजेंसी यूएवी या ड्रोन तकनीक का इस्‍तेमाल करती है. उस वक्‍त कमरे में कोई नहीं जाता, और सिर्फ ड्रोन के माध्‍यम से उपकरण भेजकर मैपिंग की जाती है. एक्‍सपर्ट की टीम इस पर बारीक नजर रखती है.

इसमें फोटोग्रामैट्रिक एनाल‍िस‍िस, कुछ स्‍पेशफ‍िक जगह, जीएनएसएस सिस्‍टम और 3D लेजर स्‍कैनर का उपयोग क‍िया जाता है.

पूर्व प्र‍िंंसिपल, अध‍िकार‍ियों के फोन भी खंगालेगी सीबीआई

सीबीआई आरजी कर चेस्ट डिपार्टमेंट के हेड और सुपर असिस्टेंट समेत अन्‍य अध‍िकार‍ियों के मोबाइल फोन कब्‍जे में ले ल‍िए हैं. इन सबको फोरेंसिक जांच के ल‍िए भेजा जाएगा. इनता ही नहीं, पूर्व प्र‍िंंसिपल अपने ऑफ‍िस में जो कंप्‍यूटर इस्‍तेमाल कर रहे थे, उसे भी जांच के ल‍िए भेजा जाएगा. छात्रा के कंप्‍यूटर की भी जांच होगी. सीबीआई यह पता लगाने की कोश‍िश कर रही है क‍ि क्‍या डॉक्‍टर का शव बरामद होने के बाद युवती के कंप्‍यूटर से कुछ उड़ाया तो नहीं गया. प्रिंसिपल संदीप घोष के फोन की फॉरेंसिक जांच कराने को लेकर सीबीआई सक्रिय है.

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