मोक्षदा एकादशी कल, नोट कर लें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त, पारणा समय और सामग्री की पूरी लिस्ट

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मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। एकादशी व्रत करने वाले का जीवन खुशियों से भर जाता है मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त, पारणा समय और सामग्री की पूरी लिस्ट…

एकदाशी तिथि प्रारंभ: 13 दिसंबर, रात्रि 9: 32 बजे से

एकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर रात्रि 11:35 बजे पर

व्रत का पारण: 15 दिसंबर सुबह 07:05 बजे से प्रातः 09: 09 बजे तक

शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त– 05:16 ए एम से 06:11 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:55 ए एम से 12:37 पी एम

विजय मुहूर्त– 01:59 पी एम से 02:41 पी एम

गोधूलि मुहूर्त– 05:16 पी एम से 05:40 पी एम

अमृत काल– 08:42 पी एम से 10:28 पी एम

निशिता मुहूर्त– 11:49 पी एम से 12:43 ए एम, दिसम्बर 15

सर्वार्थ सिद्धि योग– 07:06 ए एम से 04:40 ए एम, दिसम्बर 15

अमृत सिद्धि योग– 07:06 ए एम से 04:40 ए एम, दिसम्बर 15

एकादशी पूजा- विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें।

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
पुष्प
नारियल
सुपारी
फल
लौंग
धूप
दीप
घी
पंचामृत
अक्षत
तुलसी दल
चंदन
मिष्ठान

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