12 साल से किस दर्द को झेल रही थीं नवाजुद्दीन सिद्दीकी की वाइफ आलिया? मन के अंदर ही दफन थीं कई बातें
बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) बीते कुछ दिनों से अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर खूब लाइमलाइट में रहे.
उनकी वाइफ आलिया सिद्दीकी (Aaliya Siddiqui) ने एक्टर और उनके परिवार वालों पर खूब कीचड़ उछला. और कई संगीन आरोप लगाते हुए अपने घर की बातों को पब्लिक के सामने रखी. ऐसा करने के पीछे आलिया का क्या मकसद रहा. इस बारे में उन्होंने खुलकर बातें की. आलिया ने ‘न्यूज 18’ से बातचीत संग अपने नए इंटरव्यू में एक बार फिर से अपनी पर्सनल और फैमिली इश्यू पर खुल्लमखुल्ला बातें की.
‘न्यूज 18’ से बातें करते हुए आलिया कहा कि उनके साथ जो परिस्थिती बनी हुई थी, उसे वह काफी दिनों से झेल रही थीं. ऐसे में उन्हें लगा कि ये ऐसा मुद्दा है, जिस पर अब बात करना जरूरी है क्योंकि उनका दम घुट रहा था क्योंकि कई सारी बातें उनके मन के अंदर दफन थीं जो उन्हें आहत कर रही थीं. उन्होंने जिस तरीके से अपनी प्रॉब्लम को पब्लिक के बीच रखा, उन्हें उसी से ही जीत हासिल हुई है. ऐसे करने के बाद अब उन्हें काफी सुकून महसूस हो रहा है क्योंकि कोर्ट ने उनके दोनों बच्चों को पढ़ाई के लिए वापस दुबई भेजने का आदेश दिया और दोनों पैरेंट्स को भी उन्हें जॉइन करने को कहा.
पब्लिक फोरम का सहारा लेना ही पड़ता है
बातचीत में आलिया ने कहा, ‘पहले मैं इन सब से कतरा रही थी. लेकिन बाद में लगने लगा कि फैमिली इश्यू के बारे में पब्लिक में बात नहीं करनी चाहिए, ऐसा मुझे करना पड़ा क्योंकि मैं मानसिक परेशानियों से गुजर रही थीं. मुझे लगता है कि अगर आप जब कभी अधिक मुश्किलों से गुजरते हैं तो आपको पब्लिक फोरम का सहारा लेना ही पड़ता है. क्योंकि उस वक्त आपको सुनने के लिए कोई नहीं होता और जब आपको कोई नहीं सुने तो फिर आपको लड़ना ही पड़ता है.’
12 साल झेल रही थीं दर्द
आलिया ने आगे कहा कि जो दर्द में बीते 12 साल झेल रही थी, उसका अंदाजा किसी को नहीं था. क्योंकि वो सारी बातें मेरे अंदर ही दफ्न थीं, मैं किसी से कह भी नहीं पा रही थीं. इन सब से मेरे करियर पर असर पड़ा है. मेरी आजादी छिन ली गई, मुझे अपने करियर में आगे बढ़ने नहीं दिया और मुझे रोक कर रखा. ये बातें पब्लिक को जरूर जाननी चाहिए’. मैं भी पहले उन वसूलों पर ही चली जिसमें कहा जाता है कि घर के मामलों को पब्लिक के बीच में नहीं ले जानी चाहिए. हालांकि अब कोई फर्क नहीं पड़ता.