24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा…CJI ने क्‍यों नहीं कराई दोबारा NEET परीक्षा, ऑर्डर में बता दी वजह

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सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा मामले में अपनी सुनवाई पूरी कर ली और उसका फैसला भी सुना दिया. फैसले के मुताबिक नीट की परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी.

इस दौरान सीजीआई ने यह भी बताया कि आखिर क्‍यों नीट की परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी. उन्‍होंने अपने ऑर्डर में इसकी पूरी वजह बताई है. सीजीआई ने कहा कि जिन लोगों ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी का फायदा उठाया है, उनकी बेदाग कैंडिडेट से अलग कर पहचान कर पाना संभव है. आगे चलकर गड़बड़ी पाई जाती है, तो भी उसका एडमिशन रद्द किया जा सकता है.

क्‍यों किया परीक्षा से इंकार?

CJI ने कहा कि कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था.

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