नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ धरना देना पड़ा भारी, 1000 से अधिक लोगों पर FIR दर्ज, 20 से ज्यादा किसान नेता भी नामजद
नोएडा प्राधिकरण के बाहर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे किसान नेता सुखबीर खलीफा समेत 1,000 से अधिक लोगों के खिलाफ सोमवार रात को मामला दर्ज किया गया है। इसमें 20 से अधिक किसान नेता नामजद किए गए हैं।
अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को 1,000 से अधिक किसान हरौला बारात घर से निकलकर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंच गए थे। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने हंगामा किया, पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए और सड़क पर जाम लगा दिया। इस मामले में भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा समेत 1,000 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि प्राधिकरण अधिकारियों ने किसानों की कोई मांग अपनी बोर्ड बैठक में नहीं रखी, जबकि किसान 28 दिन से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब किसानों का सब्र का बांध टूट रहा है। खलीफा ने चेतावनी दी कि आने वाले सोमवार को किसान फिर यहां आएंगे।
नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ करीब एक महीने से चल रहा किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों ने सोमवार को एक बार फिर जोरदार प्रदर्शन किया और बैरियर तोड़कर प्राधिकरण के कार्यालय में घुसकर तालाबंदी करने की कोशिश की। इस दौरान किसानों की पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब किसान संगठनों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘भारत बंद’ आह्वान किया था। किसान बढ़ी हुई दर से मुआवजा देने, आबादी की समस्याओं का निस्तारण करने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नोएडा के 81 गांवों के किसान प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में महिलाएं व बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हैं।
किसानों ने नोएडा प्राधिकरण में की थी तालाबंदी की कोशिश
सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में सोमवार दोपहर सैकड़ों की संख्या में किसान सेक्टर-6 में प्राधिकरण के मुख्यालय की तरफ बढ़े। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी तीखी झड़प भी हुई। किसानों ने प्राधिकरण और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश के तहत अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने उनसे कहा कि वे कानून अपने हाथ में न लें।
हालात संभालने के लिए पुलिस ने प्राधिकरण को चारों ओर से सील कर रखा है। तीन-तीन स्तर पर बैरिकेडिंग कर किलेबंदी की गई है। 24 घंटे प्राधिकरण के बाहर पुलिस का पहरा है। दूसरी ओर, किसान लगातार प्राधिकरण में घुसने की कोशिश करते रहे हैं।
किसानों का कहना है कि प्राधिकरण में बैठे अधिकारी खुद को कॉरपोरेट कंपनी का अधिकारी मानते हैं तथा उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि किसानों की जमीन पर ही उनका दफ्तर बना है। खलीफा ने कहा कि जब तक उनकी सारी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण व पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया था कि नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर उनकी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा, लेकिन बैठक में किसानों की किसी भी समस्या का हल नहीं हुआ।