भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाने में कारगर होगा हाई सीरो पॉजिटिविटी रेट, एक्सपर्ट्स ने बताया
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में अब तक 33 लोग इस वैरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में वैज्ञानिक अभी जानकारी जमा करने में जुटे हुए हैं।
इस सबके बीच विशेषज्ञों का मानना है कि हाई सीरो पॉजिटिविटी रेट के कारण ठीक रहने की संभावना है। विशेषज्ञों ने टीकाकरण और कोविड गाइडलांइस पालन करने की सलाह दी है।
सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर (CCMB) के पूर्व डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते कहा है कि भारत को 70-80 फीसद सीरो पॉजिटिविटी का फायदा है। बड़े शहरों में 90 फीसद से अधिक लोगों में पहले से ही एंटीबॉडी है। टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (TIGS) बेंगलुरु के मौजूदा डायरेक्टर मिश्रा ने बताया है कि लोगों को उपलब्ध सुरक्षा को देखते हुए, अगर कोई संक्रमित होते भी हैं तो तप माइल्ड होगा। बहुत असरदार नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा है कि अगर टीकाकरण के दायरे को और बढ़ाया जाता है और बच्चों को टीके लगाए जाते हैं तो इससे बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी। ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरनाक होने को लेकर उन्होंने कहा है कि अभी शुरुआती डेटा ही सामने हैं। और शुरुआती डेटा के मुताबिक इसके लक्षण माइल्ड दिख रहे हैं।
हालांकि उन्होंने साफ किया है कि इसका मतलब ये नहीं है कि मास्क न लगाया जाए और नियमों का पालन न किया जाए। वायरस को रोकने के लिए कोविड गाइडलाइंस का पालन बेहद जरूरी है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और टीकाकरण के जरिए हम वायरस पर लगाम लगा सकते हैं।
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के बारे में पूछे जाने को लेकर उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के बिना भी यूरोप के कई देशों में तीसरी लहर आ रही है और जारी है और ऐसे में हमें सावधान रहने की जरूरत है। दूसरी लहर के बाद से हम पहले से बेहतर तरीके से तैयार हैं। अगर ऐसा कुछ होता भी है तो हॉस्पिटल में भर्ती होने और ऑक्सीजन की कमी जैसी दिक्कतें नहीं दिख रही हैं।