12 महीने पहले पैर पर खड़ा होना था मुश्किल, विनेश फोगाट ने पेरिस में रचा इतिहास

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पेरिस ओलंपिक में भारतीय महिला पहलवान ने वो करके दिखाया जिसे अब से पहले किसी नहीं किया था. विनेश फोगाट ओलंपिक इतिहास में रेसलिंग फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं.

50 किलो भारवर्ग के सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की युस्नेलिस गुजमान लोपेज को 5-0 से मात देते हुए गोल्ड मेडल का सपना पूरा करने की तरफ कदम बढ़ाया. कमाल की बात यह कि एक साल पहले तक वो अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही थी.

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट की आज हर तरफ चर्चा हो रही है. 6 अगस्त 2024 को भारत के खेल इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा. एक दिन में तीन मुश्किल मैच खेलते हुए भारतीय पहलवान ने वो चमत्कार कर दिखाया जिसकी उम्मीद देश में हर कोई कब से लगाए बैठा था. विनेश फोगाट पहली महिला पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक के फाइनल में कदम रखा है लेकिन कमाल की बात यह है कि वो 12 महीने पहले वो बिना सराहा लिए जमीन पर अपने कदम तक नहीं रख पा रही थी.

विनेश 12 महीने पहले सहारा लेकर चल रही थीं

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी वीरेन रस्किन्हा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक से पहले की वो मुश्किल यात्रा सबसे सामने रखी है. उन्होंने बताया कि कैसे फाइनल में पहुंचने से 12 महीने पहले उनकी सर्जरी हुई थी.

17 अगस्त 2023 को वह अस्पताल में थी और बैखाखी के सहारा लेकर खड़ी थी. 25 अगस्त को 29वें जन्मदिन पर उन्होंने पेरिस ओलंपिक से पहले पूरी तरह से फिट होने का वादा किया. 6 अगस्त को विनेश ने लगातार तीन मैच में जीत हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई और ओलंपिक में इतिहास रच दिया.

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