NDA की राह पर RJD! जिस लॉ एंड ऑर्डर के नाम पर नीतीश ने 18 सालों तक संभाली कुर्सी, अब उसी मुद्दे को तेजस्वी ने पकड़ा
राजनीति में मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है और उसी मुद्दे के सहारे राजनीतिक दल चुनाव में अपने विरोधियों पर निशाना साध चुनावी फायदा भी उठाते है, जिसका जवाब देने में कई बार विरोधी सफल नहीं हो पाते हैं.
नतीजा चुनाव परिणाम पर पड़ता है. कुछ ऐसी ही तस्वीर बिहार में पिछले 18 सालों से देखने को मिल रही है. लेकिन, अब बिहार में विरोधी दल भी रणनीति बदलने की तैयारी में हैं और सत्ता पक्ष की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
दरअसल 2005 से नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार लॉ एंड ऑर्डर और जंगल राज का हवाला देकर आरजेडी पर निशाना साध चुनावी फायदा उठाते रहे हैं, जिस पर आरजेडी कोशिश के बावजूद जोरदार पलटवार नहीं कर पाता है जिसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ता है. बात अगर इसी लोकसभा चुनाव की करें तो प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और एनडीए के तमाम छोटे बड़े नेताओं ने आरजेडी शासन काल में लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा उठा जनता से वोट मांगा था. लेकिन, अब आरजेडी इसी मुद्दे को आधार बना नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल उठा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में जोर शोर से जुट गया है.
आरजेडी के इस नई रणनीति की वजह भी है. दरअसल पिछले कुछ महीनों में बिहार में कई आपराधिक घटनाएं हुई है, जिसे लेकर विपक्ष हमलावर था. लेकिन, इसी बीच VIP प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या हो गई जिसके बाद विरोधी दलों को एक बड़ा मुद्दा सरकार को घेरने को मिल गया और नीतीश कुमार की सरकार पर महा गठबंधन हमलावर हो गया. घटना के बहाने बिहार में बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देकर 20 जुलाई को पूरे बिहार में प्रतिरोध मार्च निकाल नीतीश सरकार के इकबाल खत्म होने का आरोप लगा हमला बोल दिया. इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी भी कर ली.
बिहार में बढ़ते लॉ एंड ऑर्डर को लेकर विपक्ष भी लगातार हमलावर है. दरअसल तेजस्वी यादव पिछले एक साल के आंकड़ों का हवाला देकर प्रेस रिलीज जारी कर रहे है जिसमें हर रोज बिहार में जो आपराधिक घटनाएं घट रही है उसके आंकड़े को जारी कर ना सिर्फ सरकार को घेर रहे हैं. बल्कि जनता को ये भी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि नीतीश सरकार लॉ एंड ऑर्डर संभालने में पूरी तरह से नाकाम हो रही है.
तेजस्वी यादव X पर पोस्ट कर लिखा- उच्च कोटि के दूतों द्वारा प्रमाणित डबल इंजन संचालित बीजेपी-एनडीए शासित बिहार में विगत चंद घंटों में घटित चंद बकौल सरकार शुद्ध, सात्विक और मांगलिक घटनाएं:-
* पूर्वी चंपारण में पति-पत्नी की चाकू मार निर्मम हत्या
* सारण में ट्रिपल मर्डर, पिता और दो नाबालिग बेटियों की हत्या
* मढ़ौरा, छपरा में युवक-युवती की हत्या
* पटना में फैमिली प्लानिंग अधिकारी की गोली मार हत्या
* बाढ़, पटना में किशोर की हत्या!
* सासाराम में युवक की हत्या!
• गोपालगंज में राजद के पंचायत अध्यक्ष की निर्मम हत्या
इस बारे में बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं जाहिर है आरजेडी ने लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा पकड़ लिया है. आरजेडी को पता है कि हर चुनाव में इसी मुद्दे का सहारा लेकर एनडीए हमलावर होता है जिसका ख़ामियाज़ा चुनाव में उठाना पड़ता है तो इसी मुद्दे को उठा एनडीए को घेरा जाए और मुद्दे को भी बदला जाए ताकि चुनाव में एनडीए को इसका फ़ायदा ना मिल सके और एनडीए सरकार बैक फुट पर रहे. अरुण पांडे कहते हैं कि तेजस्वी जनता को यह भी बताना चाहते हैं कि उनकी प्राथमिकता रोजगार है.
वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि आरजेडी के युवराज कुछ भी कर ले कोई तर्क दे दे लेकिन बिहार की जनता सब जानती है और सब देख चुकी है कि उनके माता पिता के राज में बिहार में लॉ एंड ऑर्डर का हाल क्या था और नीतीश कुमार के राज में बिहार में लॉ एंड ऑर्डर कैसा है. आज अगर अपराध होता है तो अपराधी तुरंत पकड़ लिए जाते है और उन्हें सजा भी मिलती है. आज बिहार में संगठित अपराध पूरी तरह से ख़त्म हो गया जबकि आरजेडी सरकार में अपराध कैसे होता था. ये बिहार की जनता आज भी याद कर सिहर जाती है. इसलिए तेजस्वी कुछ भी कर ले कोई फायदा नहीं होगा वो कोई भी मुद्दा उठा लें.