PM मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से की बात, एक फोन कॉल से भारत-अमेरिका रिश्तों को लगे पंख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की. दोनों शीर्ष नेताओं के बीच भारत-अमेरिका के रिश्तों में मजबूती को लेकर बात हुई.
ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहली बार है कि जब पीएम मोदी ने ट्रंप ने बातचीत की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात कर उन्हें उनके ‘ऐतिहासिक’ दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच द्विपक्षीय मसलों को लेकर बात हुई है. क्वॉड की अगली बैठक के साथ ही कई वैश्विक मुद्दों को लेकर भी ट्रंप और पीएम मोदी में वार्ता हुई.
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत कई कार्यकारी आदेशों के साथ की, जिनका उद्देश्य अमेरिकी इमीग्रेशन सिस्टम में बदलाव करना और H1-B वीजा को सुधारना था, जो कंपनियों को विशेष योग्यताओं वाले विदेशियों को अमेरिका लाने की अनुमति देता है. भारत अमेरिका में लीगल माइग्रेशन के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है, लेकिन हाल के वर्षों में हजारों भारतीयों ने कनाडा और मैक्सिको की सीमाओं को पार करके अवैध रूप से देश में प्रवेश किया है.
ट्रंप के शपथ लेने के अगले दिन ही मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद कहा था कि भारत अपने उन नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं.
जयशंकर ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में कहा, “हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभा और भारतीय कौशल को वैश्विक स्तर पर अधिकतम अवसर मिले. साथ ही, हम अवैध इमीग्रेशन के सख्त खिलाफ हैं. यह सवाल उन खबरों पर आधारित था कि भारत ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर लगभग 18,000 भारतीयों को वापस भेजने पर काम कर रहा है, जो या तो बिना दस्तावेजों के हैं या जिन्होंने अपने वीजा समय को पार कर लिया है.
उन्होंने कहा था, “तो, हर देश के साथ, और अमेरिका भी इसका अपवाद नहीं है, हमने हमेशा यह दृष्टिकोण अपनाया है कि अगर हमारा कोई नागरिक यहां अवैध रूप से हैं, और अगर हमें यकीन है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो हम हमेशा उनकी वैध वापसी के लिए खुले रहे हैं.” हाल ही में हुए अमेरिकी जनगणना में दिखाया गया कि 2020 तक भारतीय मूल की जनसंख्या 50 प्रतिशत बढ़कर 4.8 मिलियन हो गई है, जबकि 2022 में विदेश में पढ़ रहे लगभग 1.3 मिलियन भारतीय छात्रों में से एक तिहाई से अधिक अमेरिका में थे.