‘यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारी प्रतिबद्धता, NRC से कोई डर की बात नहीं होनी चाहिए’

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यह सरकार की प्रतिबद्धता है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया जाए.

उन्होंने इस मुद्दे पर देश को गुमराह करने की कोशिश के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. शुक्रवार को नेटवर्क18 ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी से बात करते हुए सिंह ने कहा कि ‘मैंने पहले ही कहा है कि घोषणापत्र के अलावा, यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम चाहते हैं कि समान नागरिक संहिता लागू की जाए. यह हमारी बहुत पहले से मान्यता है. विपक्ष की ओर से कई लोग बेवजह इस मुद्दे को जाति, संप्रदाय या धर्म के आधार पर उठाने की कोशिश करते हैं.’

विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कि यूसीसी मुसलमानों के शरिया और हदीस के अनुसार जीने के अधिकारों को छीन लेगा, सिंह ने कहा कि ‘नहीं, नहीं. हर किसी को अपना जीवन अपनी मर्जी से जीना चाहिए. मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता लागू होने से किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.’ और इससे किसी की आस्था, विश्वास या परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचेगा.’

राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘उनके पास मुद्दों की कमी है और उनके पास जनता को भरोसा दिलाने के लिए ऐसे एजेंडे नहीं हैं कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे ऐसा करेंगे. यह उन सभी राजनीतिक दलों के प्रति जनता के बीच अविश्वास का भी संकेत है. लोग उनकी बातों पर भी भरोसा नहीं करते. अब विपक्ष ने इसे लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां पैदा करने की कोशिश की है, लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस नागरिकता संशोधन कानून से किसी की नागरिकता खत्म नहीं होने वाली है.’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से जब नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शनों की कमी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह कदम विपक्ष के प्रति लोगों के बीच अविश्वास को दिखाता है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि सीएए लागू होने पर लोग मतदान नहीं कर पाएंगे. इस पर ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए मंत्री ने कहा कि ‘स्वस्थ लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से गुमराह नहीं किया जाना चाहिए और मुझे लगता है कि ममता भी इस तथ्य से अवगत होंगी कि इस नागरिकता कानून का मतलब है कि किसी की नागरिकता समाप्त नहीं होगी.’

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