जज साहब, मेरा पासपोर्ट लौटा दें… रणवीर इलाहाबादिया याचिका लेकर पहुंचे SC, तो कोर्ट ने सुनाया क्या फैसला?
चर्चित यू-ट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को झटका दिया क्योंकि कोर्ट ने पासपोर्ट जारी करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि मामले में 2 सप्ताह में जांच पूरी हो जाएगी, लिहाजा पासपोर्ट रिलीज करने का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए. इसके बाद अदालत ने याचिका को रिजेक्ट कर दिया. हालांकि, रणवीर इलाहाबादिया कि गिरफ्तारी पर लगी रोक जारी रहेगी.
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया को उनके ‘द रणवीर शो’ को प्रसारित करने की तीन मार्च को अनुमति दे दी थी, बशर्ते वह ‘नैतिकता और शालीनता’ बनाए रखें और उसे (कार्यक्रम को) सभी उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त बनायें. इलाहाबादिया ने दलील दी थी कि पॉडकास्ट उनकी आजीविका का एकमात्र स्रोत है और उनके द्वारा काम पर रखे गए लगभग 280 लोग इस कार्यक्रम पर निर्भर हैं.
शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी के अपने उस आदेश में बदलाव किया जिसमें उसने इलाहाबादिया और उनके सहयोगियों पर यूट्यूब या किसी अन्य ऑडियो-वीडियो प्लेटफॉर्म पर कोई भी कार्यक्रम प्रसारित करने पर रोक लगाई थी. पीठ ने इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से दिये गए अंतरिम संरक्षण को अगले आदेश तक बढ़ा दिया था तथा उन्हें गुवाहाटी में जांच में शामिल होने को कहा था.
इस बीच, रणवीर ने सोशल मीडिया पर दो बार माफी मांग ली है. अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर फंसे यूट्यूबर-पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया 7 मार्च को गुवाहाटी में असम पुलिस के सामने पेश हुए. ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ मामले को लेकर गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने पिछले सप्ताह एक अन्य यूट्यूबर आशीष चंचलानी से पूछताछ की थी. यूट्यूबर क्राइम ब्रांच कार्यालय पहुंचे थे, जहां उनसे काफी देर तक पूछताछ हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और उनकी टिप्पणी को ‘अश्लील’ करार देते हुए कहा था कि उनकी ‘विकृत मानसिकता’ से समाज को शर्मिंदा होना पड़ा’ इलाहाबादिया और रैना के अलावा असम में मामले में नामजद अन्य लोगों में कॉमेडियन चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा शामिल हैं.
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