खालिस्तानियों को सिख भाइयों का तमाचा! हिंदू मंदिर में हिंंसा पर लगाई लताड़, जस्टिन ट्रूडो सरकार को नसीहत
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार खालिस्तानियों के साथ मिलकर हर वो काम कर रही है, जिससे भारत को ठेस पहुंचे. पहले तो हमारे राजदूतों को निशाना बनाया.
उनके परिवार की सर्विलांस की और जब लगा कि समर्थन नहीं मिल रहा है, तो तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. अब खालिस्तानियों ने हिंदू मंदिर को निशाना बनाया. टोरंटो के पास ब्रैंपटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानियों ने हिंसा फैलाई. हिन्दुओं को परेशान किया. इसके विरोध में अब कनाडा में रह रहे सिख भाई उतर आए हैं. ओंटारियो सिख एवं गुरुद्वारा परिषद (OSGC) ने हमले की कड़ी निंदा की और खालिस्तानियों को हद में रहने को कहा. इतना ही नहीं, जस्टिन ट्रूडो की सरकार को भी नसीहत दी कि ऐसे अपराधी तत्वों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.
ओंटारियो सिख एवं गुरुद्वारा परिषद (OSGC) ने एक बयान जारी कर कहा, ब्रैंपटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर जो कुछ भी हुआ, उसकी निंदा की जानी चाहिए. हिंसा और धमकी का हमारे समुदाय में कोई स्थान नहीं है. शांति, एकता और एक दूसरे का सम्मान होना चाहिए. पूजा स्थल हिंसा और गड़बड़ी फैलाने की जगह नहीं है. वह एक पवित्र स्थान है. उसे आध्यात्मिकता और सामुदायिक चिंतन के लिए छोड़ देना चाहिए. हम सभी से संयम बरतने और सभी समुदायों के सम्मान की रक्षा करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह करते हैं. मंदिर के बाहर की घटना हमारे समुदाय में समझ की कमी को दर्शाती है.
गंभीरता से जांच करनी चाहिए
जस्टिन ट्रूडो सरकार को नसीहत देते हुए ओंटारियो सिख एवं गुरुद्वारा परिषद ने कहा, सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस घटना की गंभीरता से जांच करनी चाहिए. हिंसा की हमारे समाज में कोई जगह नहीं है. सभी एकजुट होकर ऐसे लोगों के खिलाफ खड़े हों, ताकि एक शांतिपूर्ण समाज की स्थापना की जा सके. कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने भी भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और सरकार से तुरंत उचित प्रबंध करने की मांग की.
जस्टिन ट्रूडो ने भी की निंदा
दरअसल, कनाडा के ब्रैंपटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तानी आतंकियों ने हमला किया. वहां महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाया गया. जब इसका वीडियो सामने आया तो बवाल मच गया. भारत सरकार ने भी कनाडा के सामने यह मुद्दा उठाया. वहां के विपक्ष के नेता पियरे पोलिवरे ने हिन्दू समुदाय पर हुए इस आक्रमण की निंदा की और सरकार से सवाल पूछे. इसके बाद जस्टिन ट्रूडो भी दबाव में आ गए. उन्होंने भी बयान जारी कर हमले की निंदा की. कहा-हर कनाडाई को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है. ब्रैंपटन में हिंदू सभा मंदिर में जो कुछ हुआ, वह अस्वीकार्य है.