एस जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान, 9 साल पहले सुषमा स्वराज ने किया था पड़ोसी देश का दौरा
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत भी हिस्सा लेगा. विदेश मंत्री एस. जयशंकर इसके लिए पाकिस्तान जाएंगे. तकरीबन 10 साल बाद भारत का कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा करेगा.
एस जयशंकर बतौर विदेश मंत्री पहली बार इस्लामाबाद का दौरा करने वाले हैं. लंबे समय से इसको लेकर विचार-विमर्श का दौर चल रहा था कि भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान में होने वाले SCO की बैठक में हिस्सा ले या न ले. अब आखिरकार भारत ने इसमें हिस्सा लेने का फैसला लिया है. विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए शुक्रवार को बताया कि SCO बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे.
पाकिस्तान में 15 से 16 अक्टूबर तक SCO की बैठक होनी है. दो दिनों तक चलने वाले इस बैठक में चीन और रूस जैसे देश भी हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पाकिस्तान में विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाकी का कार्यक्रम क्या होगा, इसके बारे में बाद में जानकारी दी जएगी. बता दें कि एससीओ में भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं.
SCO के सदस्य देश
भारत
चीन
ईरान
कज़ाखस्तान
किर्गिज़स्तान
पाकिस्तान
रूस
ताजिकिस्तान
उज़्बेकिस्तान
सुषमा स्वराज के बाद विदेश मंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा
एस जयशंकर से पहले सुषमा स्वराज ने विदेश मेंत्री की हैसियत से पाकिस्तान का दौरा किया था. वह ‘हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस’ में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंची थीं. इस कॉन्फ्रेंस में कुल 14 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. इस सम्मेलन का आयोजन अफगानिस्तान की सुरक्षा को लेकर हुआ था. दिलचस्प है कि बैंकॉक में भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वर्ता हुई थी और उसके कुछ दिनों बाद ही सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी सरजमीं पर कदम रखा था. सुषमा स्वराज के बाद अब एस जयशंकर भारत के पहले विदेश मंत्री होंगे जो 9 साल के बाद पाकिस्तान का दौरा करेंगे.
जब बिलावल भुट्टो पहुंचे थे भारत
पिछले साल गोवा में SCO की बैठक हुई थी. इसमें पाकिस्तान ने भी हिस्सा लिया था. पड़ोसी देश के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो बैठक में शामिल होने के लिए गोवा पहुंचे थे. हालांकि, इस दौरान दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी. तकरीबन 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत आया था. उनसे पहले साल मनमोहन सरकार के दौरान साल 2011 हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था.
2017 में भारत बना था पूर्ण सदस्य
SCO ने पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है. इसके अधिकांश सदस्य प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर हैं. बता दें कि भारत साल 2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बना था. अस्ताना शिखर सम्मलेन के दौरान इसकी पूर्ण सदस्यता हासिल की थी. इसके बाद भारत ने साल 2023 में एससीओ शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी.