सोनिया गांधी नहीं, पंजाब के 78 विधायकों ने कैप्टन को हटाया, कांग्रेस ने दी सफाई तो अमरिंदर ने किया पलटवार

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कैप्टन अमरिंदर के कांग्रेस छोड़ने के ऐलान के बाद अब कांग्रेस पार्टी की तरफ से सफाई दी गई है। पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को दावा किया कि पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से नहीं हटाया।

सुरेजावाल के मुताबिक 78 विधायकों ने कैप्टन को हटाए जाने की मांग की थी। सुरजेवाला की तरफ से यह बात उस वक्त कही गई है जब हाल ही में अमरिंदर सिंह ने पंजाब की कुर्सी छोड़ने के बाद कहा था कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें अपमानित किया है। अमरिंदर सिंह की जगह पर अब पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया है। पिछले महीने पार्टी विधायक दल की बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगी थी।

कांग्रेस महासचिव सुरेजावाला ने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री अपने विधायकों का भरोसा खो देते हैं तब उन्हें पद पर नहीं रहना चाहिए। मीडिया से बातचीत में सुरेजावाल ने कहा, ‘ पंजाब के 79 विधायकों में से 78 विधायकों ने मुख्यमंत्री बदलने के लिए लिखा था। आप पर डिक्टेटर बनने का आरोप लग रहा था तो क्या हमें सीएम नहीं बदलना चाहिए था। 78 विधायक एक तरफ हैं और एक सीएम एक तरफ और आप उनकी नहीं सुन रहे हैं।’

सोनिया गांधी ने नहीं हटाया

सुरेजावाला ने आगे कहा, ‘सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष हैं और पंजाब में सीएम बदलने का फैसला उन्होंने नहीं लिया। जैसा की मैंने आपको बताया। 78 विधायकों ने सीएम बदलने के बारे में लिखा था।’ खास बात यह है कि इससे पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के इस बात को खारिज कर दिया था कि उन्होंने विधायकों का भरोसा गंवा दिया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वो कांग्रेस छोड़ देंगे क्योंकि वरिष्ठ नेता उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।

BJP को घेरा

सुरजेवाला ने कहा कि यह पहला मौका है जब कोई दलित पंजाब का मुख्यमंत्री बना है। पंजाब में नया इतिहास रचा गया है। उन्होंने बीजेपी को भी घेरते हुए सवाल उठाया कि अगर कांग्रेस ने कोई बदलाव किया है तो इससे बीजेपी को क्या परेशानी है? उन्होंने बीजेपी द्वारा गुजरात, उत्तराखंड और कर्नाटक में सीएम बदले जाने की भी याद दिलाई।

अमरिंदर का पलटवार

बहरहाल कांग्रेस नेता सुरजेवाला के इस बयान के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पलटवार भी किया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘साल 2017 से मैंने पंजाब में सभी चुनाव जीते हैं। मुझपर जनता ने विश्वास नहीं खोया था। यह सारा खेल नवजोत सिंह सिद्धू और उनके सहयोगियों ने रचा था। नहीं जानता कि वो लोग क्यों उन्हें (नवजोत सिंह सिद्धू) को अभी भी हुक्म चलाने की अनुमति दे रहे हैं।’

अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू के मजाकिया लहजे से ओतप्रोत है। अगली बार वो दावा करेंगे कि 117 विधायकों ने उन्हें लिखा है। पार्टी में यह स्थिति है कि वे अपने झूठ का ठीक से समन्वय भी नहीं कर सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पार्टी के कामकाज से पूरी तरह मोहभंग हो गया है। मामले की सच्चाई यह थी कि उक्त पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 43 विधायकों को दबाव में ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था।’

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