थर्ड वर्ल्ड वॉर में बदल जाएगा रूस-यूक्रेन युद्ध! न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ दिखे पुतिन

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रूस और यूक्रेन के बीच जंग को दो महीने होने वाले हैं। लेकिन इतने वक्त के बाद भी रूसी सेना ने अपने कदम न तो पीछे किए हैं और न की राजधानी कीव में अपना कब्जा कर पाई है।

दो महीनों के दरम्यान कई दफे रूस की तरफ से न्यूक्लियर अटैक की धमकी दी गई। पुतिन ने कई बार कहा कि अगर अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन की मदद करते रहे तो अंजाम खतरनाक हो सकते हैं। अब पुतिन न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ बेलारूस के तानाशाह अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ देखे गए हैं। एटमी ब्रीफकेस के साथ पुतिन की तस्वीरों ने एक बार फिर परमाणु हमले का खतरा बढ़ा दिया है।

आकार के हिसाब से रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है और परमाणु हथियारों में भी रूस का विश्वभर में दबदबा है। वहीं, यूक्रेन आकार के हिसाब से दुनिया का 45वां देश है। एक छोटे से देश पर कब्जा करने में रूसी सैनिकों को काफी वक्त लग रहा है जो पुतिन की बैचेनी बढ़ा रहे हैं। हालांकि अमेरिका और पश्चिमी देशों की मदद से यूक्रेन रूस से बराबरी की लड़ाई लड़ रहा है। इन देशों से मिलने वाली आर्थिक मदद और अत्याधुनिक हथियारों की खेप से यूक्रेनी सैनिक रूस को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये घटनाक्रम क्रेमलिन के लिए चिंता और गुस्सा का कारण बनते जा रहे हैं।

डेलीमेल के मुताबिक, पिछले सप्ताह बेलारूस के दौरे पर पहुंचे पुतिन को एटमी ब्रीफकेस के साथ देखा गया। ये वही ब्रीफकेस है जिसमें न्यूक्लियर हमले से जुड़े दस्तावेज और अलर्ट अलार्म होता है। बेलारूस के तानाशाह लुकाशेंकों के साथ पुतिन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में पुतिन के साथ खड़ा शख्स हाथ में काले रंग का ब्रीफकेस लिए है, दावा किया जा रहा है कि यह एटमी ब्रीफकेस है।

क्या है रूस का एटमी ब्रीफकेस

अमेरिका के एटमी फुटबॉल की तरह रूस के पास एटमी ब्रीफकेस है। यह खास ब्रीफकेस रूस के राष्ट्रपति के पास ही रहता है। इस खास ब्रीफकेस में परमाणु हथियारों के कोड होते हैं। इसका इस्तेमाल सिर्फ रूस के राष्ट्रपति ही कर सकते हैं। रूस के रहने वाले और हथियारों के जानकार इगोर सजेगेन ने बीबीसी को बताया कि ये ब्रीफकेस हमेशा राष्ट्रपति के आसपास होता है। जब वो सोते हैं तब भी वो उनसे 10-20 मीटर के दायरे में रखा होता है। रूस पर किसी हमले की आशंका पर ब्रीफकेस का अलार्म एक्टिव हो जाता है और फ्लैशलाइट जलने लगती है। हालांकि इस तरह के दो ब्रीफकेस प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के पास भी होते हैं लेकिन न्यूक्लियर अटैक का आदेश सिर्फ राष्ट्रपति ही देते हैं।

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